जीत के बाद आतिशी बोलीं- शुरुआती नतीजे देखकर नर्वस हो गई थी, लेकिन जीतने की थी उम्मीद
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। इन चुनावों में आम आदमी पार्टी को भारी जीत मिली है। आप ने इस चुनाव में कई चहरों पर पहली बार दांव खेला था। जिनमें एक कालकाजी विधानसभा से चुनाव लड़ रही आतिशी भी थी। जिन्होंने अपनी सीट से जीत हासिल कर ली है। हालांकि उनकी जीत के लेकर लगभग सारा दिन सस्पेंस ही बना रहा। जहां पहले मतगणना के दौरान पिछड़ती नजर आईं। हालांकि बाद में उन्होंने बढ़त बनाई और जीत हासिल की।
'मैं शुरू में घबरा गई थी'
एक समय ऐसा आया जब अतीशी अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी धर्मबीर सिंह से सिर्फ सात वोटों से आगे चल रहीं थीं। चुनाव में जीतने के बाद मीडिया से बात करते हुए आतिशी ने कहा कि, मुझे भरोसा था कि मैं अंतिम दौर में पहुंचूंगी। लेकिन मैं शुरू में घबरा गई थी। उसने कहा कि, मैंने कालकाजी को अपने विधानसभा चुनावों के लिए इसलिए चुना था क्योंकि यह शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी हुई विधानसभा है।
'काम की राजनीति की घृणा की राजनीति पर जीत हुई'
आतिशी ने कहा कि, कालकाजी में शिक्षा पर बहुत काम किया गया है, और मुझे शिक्षा में बहुत दिलचस्पी है। हालांकि विधानसभा चुनाव के दौरान शिक्षा का मुद्दा उतना हावी नहीं रहा। जबकि पूरे चुनाव के दौरान नफरती भाषण और सीएए के खिलाफ चल रहा शाहीन बाग में प्रर्दशन अधिक सुर्खियों में रहा। उन्होंने कहा कि, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि दिल्ली के लोगों ने अरविंद केजरीवाल को लेकर अपना मन बना लिया था। उन्होंने उनके काम के आधार पर उनके पक्ष में वोट डाला। यह काम की राजनीति ही है जो घृणा की राजनीति पर जीत गई।
कौन सा मिलेगी मंत्रालय के सवाल पर दिया ये जवाब
जब आतिशी ने मंत्रालय को लेकर सवाल पूछा गया खासकर शिक्षा मंत्रालय को लेकर तो उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि, पार्टी जो जिम्मेदारी देगी हम उसे निभाएंगे। मुझे एक और मौका देने के लिए दिल्ली के लोगों को धन्यवाद। आतिशी कालकाजी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के धर्मबीर सिंह से 11 हजार मतों के अंतर से जीत गईं। आतिशी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पोस्टग्रेजुएट हैं और आप के राजनीतिक मामलों की समिति की सदस्य रहीं हैं। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार भी रह चुकी हैं।
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