असम: रैली के दौरान बेहोश हुआ भाजपा कार्यकर्ता, पीएम मोदी ने मंच से खुद भेजी अपनी मेडिकल टीम
असम: रैली के दौरान बेहोश हुआ भाजपा कार्यकर्ता, पीएम मोदी ने मंच से खुद भेजी अपनी मेडिकल टीम
गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चुनाव प्रचार के लिए असम पहुंचे हैं। यहां तामुलपुर में उन्होंने बीजेपी की रैली को संबोधित किया। प्रधानमंत्री का भाषण जब चल रहा था तो इसी दौरान एक कार्यकर्ता की तबीयत बिगड़ गई। रैली में मौजूद शख्स बेहोश होकर गिरा तो उस पर पीएम मोदी की नजर पड़ गई। ऐसे में प्रधानमंत्री ने मंच से कहा कि मेरे साथ पीएमओ से डॉक्टरों की जो टीम आई है, वो वहां जाए और इस साथी का इलाज करे। पीएम ने मंच से कहा कि शायद पानी की कमी से इनकी तबीयत बिगड़ी है। ऐसे में मेरे साथ आए डॉक्टर जाकर देखें। इसके बाद डॉक्टर पहुंचे और इस शख्स को इलाज दिया गया।
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असम में आखिर दौर के चुनाव के लिए तामुलपुर पहुंचे पीएम मोदी ने यहां अपने भाषण में कांग्रेस और बदरुद्दीन अजमल को निशाने पर लिया तो भाजपा को वोट देने की अपील की। मोदी ने यहां कहा, देश में कुछ बातें ऐसी गलत चल रही हैं। अगर हम समाज में भेदभाव करके, समाज के टुकड़े करके अपने वोटबैंक के लिए कुछ दे दें, तो दुर्भाग्य देखिए, उसे देश में सेक्युलरिज्म कहा जाता है। अगर सबके लिए काम करें, बिना भेदभाव के सबको देते हैं, तो कहते हैं कि ये कम्युनल हैं। सेक्यूलरिज्म-कम्यूनिज्म के इस खेल ने देश का बहुत नुकसान किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने समय में असम को हिंसा, बम-बंदूक का लंबा दौर दिया। वहीं एनडीए सरकार असम के हर साथी को साथ लेकर शांति और समृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। असम में आप लोगों ने एक बार फिर एनडीए की सरकार बनाना तय कर लिया है। असम की पहचान का बार-बार अपमान करने वाले लोग, असम के लोगों को बर्दाश्त नहीं। असम को दशकों तक हिंसा और अस्थिरता देने वाले, अब असम के लोगों को एक पल भी स्वीकार नहीं हैं। असम के लोग विकास के साथ हैं। हमारा तो मंत्र है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास है।
दूसरे लोग मान चुके अपनी हार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, यहां के चाय बागान में काम करने वाले साथियों को भी कांग्रेस ने लंबे समय तक अभाव में रखा था। चाय बागान में काम करने वाले लोगों के लिए सबसे ज्यादा काम एनडीए सरकार ने ही किया है। चुनाव अभी चल रहा है, मैंने कल सुना कि कुछ लोगों ने मान लिया है कि वो चुनाव हार चुके हैं और अगली सरकार कैसी बनेगी, सरकार के लोगों ने क्या पहना होगा उन्होंने इसका वर्णन किया। असम का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता, अभी से 5 साल बाद असम को कब्जा करने की व्यूहरचना चौंकाने वाली बात है।