'जांच में शामिल होकर खुशी होगी', मिजोरम में FIR दर्ज होने पर बोले असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा
गुवाहाटी, 31 जुलाई। असम और मिजोरम की पुलिस के बीच 26 जुलाई के बाद हुए हिंसक संघर्ष के बाद दोनों राज्यों में तनाव बना हुआ है। इस बीच मिजोरम पुलिस ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ केस दर्ज किया है। केस पर बोलते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह जांच में शामिल होंगे हालांकि उन्होंने सवाल किया कि यह जांच किसी तटस्थ जांच एजेंसी के जरिए क्यों नहीं की जा रही है।
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शनिवार को एक ट्वीट में असम के सीएम ने लिखा "किसी भी जांच में शामिल होने में मुझे बहुत खुशी होगी। लेकिन यह मामला किसी तटस्थ एजेंसी को क्यों नहीं सौपा गया है, खासतौर पर जब घटना असम के वैधानिक क्षेत्र के अंदर हुई है। इस बात तो जोरमाथांगा जी (मिजोरम सीएम) तक पहले ही पहुंचा चुका हूं।"
26 जुलाई को दोनों राज्यों की सीमा पर हुए हिंसक संघर्ष के मामले में मिजोरम पुलिस ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ हत्या की कोशिश और आपराधिक षड़यंत्र का केस दर्ज किया है।
क्या
था
मामला?
असम
और
मिजोरम
के
बीच
कई
दशकों
से
सीमा
विवाद
चल
रहा
है।
दोनों
राज्य
बॉर्डर
के
कुछ
हिस्से
पर
अपना-अपना
दावा
करते
हैं।
इसी
मामले
को
लेकर
26
जुलाई
को
हिंसक
संघर्ष
हो
गया
था
जिसमें
असम
के
6
पुलिसकर्मी
मारे
गए
थे।
मिजोरम
ने
भी
अपने
2
लोगों
के
घायल
होने
की
बात
कही
है।
विवाद के बाद दोनों राज्यों के बीच बयानबाजी जारी है। असम ने इस हिंसा के लिए मिजोरम में सक्रिय ड्रग तस्करों को जिम्मेदार बताते हुए कहा है कि मिजोरम की पुलिस के साथ हिंसा करने में नागरिक भी शामिल थे। असम सीएम ने तो यहां तक कहा है कि असम में नागरिक स्वचालित हथियार लेकर घूम रहे हैं और उन्होंने असम के नागरिकों को मिजोरम की यात्रा न करने की सलाह दी है।
मिजोरम
ने
असम
के
दावों
को
किया
है
खारिज
असम
सीएम
के
इन
दावों
को
मिजोरम
सीएम
जोरमाथांगा
ने
खारिज
करते
हुए
कहा
है
कि
यह
गलत
आरोप
हैं।
मिजोरम
सीएम
ने
कहा
कि
वह
किसी
को
राज्य
में
आने
से
नहीं
रोक
रहे
हैं
बल्कि
जो
आना
चाहते
हैं
उन्हें
सुरक्षा
देने
के
लिए
प्रशासन
से
कहा
गया
है।
मिजोरम
ने
असम
पर
पहले
फायरिंग
करने
का
आरोप
भी
लगाया
है।
मिजोरम
ने
कहा
है
कि
असम
उन्हें
अलग-थलग
करने
की
कोशिश
कर
रहा
है।
मिजोरम
के
अनुसार
राजनीतिक
कारणों
से
असम
रेल
पटरियों
और
आवागमन
को
बाधित
कर
रहा
है
और
उसने
केंद्र
से
मामले
में
हस्तक्षेप
की
अपील
की
है।
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मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय भी सक्रिय है। घटना के बाद केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने असम और मिजोरम दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में दोनों राज्य अपने-अपने बल वापस लेने पर सहमत हुए थे। जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विवादित क्षेत्र में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती करने का निर्णय लिया है। असम और मिजोरम दोनों ने विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने की बात कही है।