कश्मीर में आतंकवाद बढ़ाने वाली '370 की दीवार' अब ढह चुकी है: पीएम मोदी
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गुजरात। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की बात गंभीरता से सुनती है। उन्होंने कहा कि इसका कारण कश्मीर से कन्याकुमारी, अटक से कटक, एक राष्ट्र- श्रेष्ठ्र राष्ट्र, महान संस्कृति और महान परंपरा है। आज भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकतों में अपनी जगह बना रहा है, तो उसके पीछे की ताकत भी हमारी एकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों तक हम भारतीयों के बीच इस अनुच्छेद 370 ने एक अस्थाई दीवार बना रखी थी। आज सरदार साहब की इस भव्य प्रतिमा के सामने मैं सिर झुकाकर उन्हें हिसाब दे रहा हूं कि आपका जो सपना था, अब वो दीवार गिरा दी गई है। उन्होंने कहा कि ये भी सोने में सुहागा है कि एकता के पुजारी की जन्मजयंती पर ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अपने उज्जवल भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 ने जम्मू-कश्मीर को केवल अलगाववाद और आतंकवाद दिया है। ये देश की अकेली ऐसी जगह थी जहां अनुच्छेद 370 मौजूद था, जहां बीते तीन दशक में आतंकवाद के कारण 40 हजार लोगों की मौत हुई है और कई माताओं ने अपने बेटों को खोया है। अब अनुच्छेद 370 की ये दीवार गिर गई है।
PM: Article 370 only gave separatism & terrorism to J&K. It was the only place in the country where Article 370 was present, where in last 3 decades, over 40,000 people got killed&several mothers lost their sons due to terrorism. Now this wall of Article 370 has been demolished. pic.twitter.com/2sYvtAsCEO
— ANI (@ANI) October 31, 2019
बता दें आज स्वतंत्र भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती है। देश की आजादी में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। प्रधानमंत्री केवड़िया में स्थित स्टेच्यू ऑफ यूनिटी स्थल (सरदार पटेल की प्रतिमा) पहुंचे। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पहली बार जम्मू-कश्मीर में BDC के चुनाव में 98% पंचों-सरपंचों ने वोट डाला। ये भागीदारी एक बहुत बड़ा संदेश है। अब जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक स्थिरता आएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सभी सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग द्वारा स्वीकृत भत्तों का लाभ मिलना भी शुरू हो जाएगा। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नई व्यवस्थाएं जमीन पर लकीरें खींचने के लिए नहीं है, बल्कि विश्वास की एक मजबूत कड़ी बनाने के लिए है।
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