क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

धारा-370 हटने के एक महीना बाद जम्मू-कश्मीर में क्या कुछ बदला?

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। ठीक एक माह पहले पांच अगस्‍त को केंद्र की मोदी सरकार ने जम्‍मू कश्‍मीर में लागू धारा 370 और 35ए को खत्‍म करने का एतिहासिक ऐलान किया। गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में जानकारी दी कि राज्‍य में लागू धारा 370 को हटाया जा रहा है। राष्‍ट्रपति के हस्‍ताक्षर के बाद कानून को राज्‍य से हटाया गया और राज्‍य को दो हिस्‍सों में बांट दिया गया। जम्‍मू कश्‍मीर और लद्दाख अब एक माह बाद संघ शासित प्रदेश में तब्‍दील हो चुके हैं। सरकार के इस ऐलान के साथ ही घाटी में पिछले 20 दिनों से जो हलचल जारी थी वह भी खत्‍म हो गई। एक माह में काफी कुछ बदल चुका है। पड़ोसी देश पाकिस्‍तान जहां अलग-थलग पड़ चुका है तो वहीं अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर भारत की एक ऐसे देश की छवि बनी है जिसे आतंरिेक मसलों में हस्‍तक्षेप जरा भी पसंद नहीं है।

 5 अगस्‍त सुबह 11 बजे हुआ ऐलान

5 अगस्‍त सुबह 11 बजे हुआ ऐलान

पांच अगस्‍त को करीब सुबह 11 बजे गृहमंत्री अमित शाह ने पहले राज्‍यसभा में आर्टिकल 370 को हटाने का प्रस्‍ताव पेश किया। शाह जब प्रस्‍ताव पेश कर रहे थे तो उनका कहना था कि सरकार इसके जरिए एक एतिहासिक गलती को सुधार रही है। सरकार के फैसले से पहले करीब 20 दिनों से जम्‍मू कश्‍मीर को लेकर दुविधा की स्थिति बनी हुई थी। सरकार की ओर से पांच अगस्‍त को जो ऐलान किया गया वह पहला आधिकारिक ऐलान था। सरकार की ओर से अपना फैसला सुनाने से पहले राज्‍य के पूर्व मुख्‍यमंत्रियों उमर अब्‍दुल्‍ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया था। एक माह बाद कश्‍मीर के करीब 150 नेता नजरबंद हैं और अभी तक सरकार की ओर से साफ नहीं है कि इन्‍हें कब रिहा किया जाएगा।

घाटी में मोबाइल, इंटरनेट सब बंद

घाटी में मोबाइल, इंटरनेट सब बंद

साथ ही घाटी पर कुछ इसके अलावा घाटी में मोबाइल इंटरनेट, फिक्‍सड लाइन फोन भी बंद कर दिए गए थे। सरकारी ऑफिसर्स को सैटेलाइट फोन दिए गए थे ताकि वे आपसी संपर्क कायम रख सकें। रविवार को प्रशासन की तरफ से कहा गया कि आदेश के मुताबिक मूवमेंट बंद रहेगा। साथ ही सभी शैक्षणिक संस्‍थाओं को भी बंद रखा जाएगा। प्रशासन की तरफ से बताया गया कि किसी भी तरह की पब्लिक मीटिंग्‍स और रैलियों पर भी रोक लगा दी गई है। श्रीनगर में करीब 20 दिन तक कर्फ्यू जारी रहा और कर्फ्यू पास के लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल सकते थे। हालांकि 19 अगस्‍त से घाटी में आवाजाही शुरू हो गई है। अगस्‍त माह के अंत में जम्‍मू के 20 जिलों और कश्‍मीर के कुपवाड़ा और हंदवाड़ा में लैंडलाइन फोन चालू हो गए हैं। तीन सितंबर को सरकार की तरफ से बताया गया है कि अगले 15 दिनों में मोबाइल और इंटरनेट सेवा बहाल हो सकती है।

राज्‍यपाल ने सरकार की तरफ से दी जानकारी

राज्‍यपाल ने सरकार की तरफ से दी जानकारी

इस पूरे मसले पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक की भूमिका को लेकर भी कुछ लोगों ने तारीफ की तो कुछ ने उनकी आलोचना भी की। सत्‍यपाल मलिक ने चार अगस्‍त को बयान दिया और कहा कि राज्‍य से आर्टिकल 370 और 35ए को हटाने जैसा कोई भी फैसला नहीं लिया जा रहा है। लेकिन 24 घंटों से पहले ही उन्‍हें मोदी सरकार ने चौंका दिया और अपने फैसले के बारे में उन्‍हें भी जानकारी दे दी। मलिक इस एक माह के अंदर जम्‍मू कश्‍मीर के लोगों और यहां के हालात बयां करने के लिए सरकार के प्रतिनिधि की तरह हैं। उन्‍होंने पिछले दिनों बताया था कि घाटी में व्‍यवस्‍था सामान्‍य होने में 20 दिन और लग सकते हैं। इसके अलावा उन्‍होंने साफ कर दिया है कि अलगाववादियों और राजनेताओं के साथ किसी भी तरह की बातचीत नहीं होगी।

पाकिस्‍तान ने बताया गैर-कानूनी फैसला

पाकिस्‍तान ने बताया गैर-कानूनी फैसला

भारत सरकार ने जैसे ही जम्‍मू कश्‍मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का ऐलान किया, पड़ोसी पाकिस्‍तान बौखला गया। पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति और विदेश विभाग की ओर से तुरंत इस आधिकारिक बयान जारी किया गया। दिलचस्‍प बात है कि पांच अगस्‍त से ठीक एक दिन पहले ही पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान ट्वीट कर एक बार फिर अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप से कश्‍मीर मसले पर मध्‍यस्‍थता की मांग कर रहे थे। पाकिस्‍तान के विदेश विभाग की ओर से भी इस पर बयान जारी किया गया है। विदेश विभाग की ओर से कहा गया कि कश्‍मीर एक अंतरराष्‍ट्रीय विवाद है और पाकिस्‍तान इस गैरकानूनी कदम का जवाब देने के लिए हर विकल्‍प तलाशेगा। पाक राष्‍ट्रपति डॉक्‍टर आरिफ अल्‍वी ने कहा , 'भारत ने जम्‍मू कश्‍मीर की स्थिति बदलने की एक कोशिश की है और यह यूएनएससी के प्रस्‍तावों और कश्‍मीर के लोगों की मर्जी के खिलाफ है।' एक माह के अंदर पीएम इमरान खान चार बार परमाणु युद्ध की धमकी दे चुके हैं और लगातार उनके मंत्री भड़काऊ बयान दे रहे हैं। इमरान ने 26 अगस्‍त को अपने देश की जनता से वादा किया है कि वह इस माह यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली यानी उंगा में कश्‍मीर मामले का अंतरराष्‍ट्रीयकरण करने की पूरी कोशिश करेंगे।

भारत ने बताया आतंरिक मसला

भारत ने बताया आतंरिक मसला

इस पूरे मसले में एक माह के अंदर भारत को अमेरिका, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन यानी सुरक्षा परिषद के चार स्‍थायी सदस्‍यों का बड़ा समर्थन मिला। सिर्फ चीन ही एक ऐसा देश है जिसने पाकिस्‍तान के अनुरोध पर यूएनएससी की एक स्‍पेशल मीटिंग बुलाई। बंद कमरे में हुई मीटिंग में भारत ने सभी देशों को साफ कर दिया कि जम्‍मू कश्‍मीर भारत का आतंरिक मसला और आर्टिकल 370 के हटने से बाहरी सीमा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अमेरिका, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन ने तो इस मसले को आतंरिक मसला करार दिया तो वहीं कुछ मुसलमान देश जैसे यूएई ने भी मामले पर भारत का साथ दिया। वहीं चीन को भी साफ कर दिया गया है कि कश्‍मीर भारत को आतंरिक मसला है और उसे इसमें हस्‍तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। 26 अगस्‍त को पीएम मोदी, अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप से मिले। इस मुलाकात में उन्‍होंने साफ कर दिया कि भारत और पाकिस्‍तान के मसले द्विपक्षीय हैं और ऐसे में किसी भी तीसरे देश की जरूरत नहीं है।

सोशल मीडिया पर पाक नेताओं की किरकरी

सोशल मीडिया पर पाक नेताओं की किरकरी

जहां एक तरफ पाकिस्‍तान के नेता लगातार भड़काऊ बयान देने में लगे हुए थे तो इमरान के मंत्री फवाद चौधरी, शेख राशिद और पूर्व राजनयिक अब्‍दुल बासित कभी गलत जानकारी को ट्वीट करने तो कभी आतंरिक मामलों में हस्‍पक्षेप करने की वजह से ट्विटर पर ट्रोल हुए। जहां फवाद चौधरी पिछले एक माह में जमकर कश्‍मीर को लेकर ट्वीट कर रहे हैं। एक बार तो एक गलत ट्वीट की वजह से उन्‍हें ट्रोल कर दिया गया। वहीं रेल मंत्री शेख राशिद ने भी जमकर धमकियां दीं। धमकी देने के चलते वह कभी करेंट का शिकार हुए तो कभी अपने 250 ग्राम वाले बम को लेकर ट्रोल हुए। इसके बाद नंबर आया भारत में पाकिस्‍तान के उच्‍चायुक्‍त रहे अब्‍दुल बासित का। बासित ने पॉर्न स्‍टार जॉनी सिन्‍स को कश्‍मीर का युवा बताने वाली ट्वीट को री-ट्वीट कर डाला। बासित को जहां यूजर्स ने जमकर ट्रोल किया तो जॉनी सिन्‍स ने खुद उनका मजाक उड़ा डाला। सिन्‍स ने बताया कि उनकी नजर पूरी तरह से ठीक है और फॉलोअर्स के नंबर बढ़ाने के लिए वह उनका शुक्रिया अदा करते हैं।

English summary
Article 370 and special status of Jammu and Kashmir revoked by Modi govt a month back.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X