Army Day: क्यों 15 जनवरी को मनाया जाता है सेना दिवस, पाकिस्तान के एक राष्ट्रपति भी रहे थे इंडियन आर्मी में कर्नल
नई दिल्ली। 15 जनवरी को इंडियन आर्मी अपना 71वां आर्मी डे मना रही है और अपने बहादुरों को सलाम कर रही है। 'नाम, नमक और निशान,' के लिए लड़ने वाली भारतीय सेना दुनिया की कुछ सबसे शक्तिशाली सेनाओं में शामिल है। कुछ खूबियां तो ऐसी हैं जो अमेरिका से लेकर चीन तक की फौज में भी नहीं नजर आती हैं। आज आर्मी डे के मौके पर हम आपको सेना की कुछ खास बातों से रूबरू करवाते हैं।
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इंडियन आर्मी को मिला पहला चीफ
सन् 1942 में यानी आजादी के पांच वर्ष पूर्व पहले इंडियन आर्मी ऑफिसर को एक यूनिट कमांड करने का मौका दिया गया था। 15 जनवरी 1949 को लेफ्टिनेंट जनरल केएम करिअप्पा इंडियन आर्मी के पहले कमांडर-इन-चीफ थे। उन्होंने ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ फ्रांसिस बुचर से इंडियन आर्मी की कमान ली थी। इसलिए ही तब से ही इस दिन को ही आर्मी डे के तौर पर मनाया जाने लगा। इस दिन पर राजधानी दिल्ली के अलावा भी हेडक्वार्ट्स पर कई परेड और मिलिट्री शो का आयोजन किया जाता है।
पहले फील्ड मार्शल थे करिअप्पा
केएम करिअप्पा पहले आर्मी चीफ के अलावा पहले ऐसे ऑफिसर थे जिन्हें फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी। फील्ड मार्शल करिअप्पा ने 1947 में भारत-पाक युद्ध में वेस्टर्न कमांड पर इंडियन आर्मी को कमांड किया था। इंडियन आर्मी को वर्ष 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में निर्मित किया गया था। आज देशभर में इंडियन आर्मी के 53 कैंटोनमेंट और नौ आर्मी बेस हैं। भारतीय मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज भारत में सबसे बड़ी निर्माता कंपनी है।
पाक राष्ट्रपति भी कभी थे इंडियन आर्मी का हिस्सा
आज जब इंडियन आर्मी अपना 71वां सेना दिवस मना रही है। 1947 में जब बंटवारा हुआ तो ब्रिटिश सरकार ने भारत और पाकिस्तान की सेनाओं का भी विभाजन कर दिया था। आप में से शायद बहुत से लोग इस बात से अनजान होंगे कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे जनरल अयूब खान ने सन् 1946 में फील्ड मार्शल करियप्पा की अगुवाई में इंडियन आर्मी में सेवाएं दी थीं। उस समय वह कर्नल की रैंक पर थे। आर्मी डे को सेलिब्रेट करने का एक मकसद उन सभी शहीदों को सलाम करना भी है जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राण त्याग दिए और उन सैनिकों को भी सलाम करना है जो देश की सेवा में लगे हुए हैं।
असम राइफल्स सबसे पुरानी
इंडियन आर्मी की असम राइफल्स सबसे पुरानी पैरामिलट्री फोर्स है जिसकी स्थापना वर्ष 1835 में की गयी थी। यूएन पीसकीपिंग आज इंडियन आर्मी के सबसे ज्यादा सैनिक हर वर्ष जाते हैं। आज राष्ट्रपति की सुरक्षा में जो गार्ड्स लगे हैं वह रेजीमेंट आर्मी की सबसे पुरानी रेजीमेंट है और राष्ट्रपति भवन में ही रहती है।