लद्दाख दौरे से लौटे आर्मी चीफ जनरल नरवणे, राजनीतिक नेतृत्व को दे सकते हैं LAC के हालातों की जानकारी
नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे दो दिनों के लद्दाख दौरे से लौट आए हैं। माना जा रहा है कि आज जनरल नरवणे देश के राजनीतिक नेतृत्व को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के हालातों के बारे में ब्रीफ कर सकते हैं। जनरल नरवणे ने लेह स्थित बेस हॉस्पिटल जाकर उन जवानों का हालचाल पूछा था जो 15 जून को पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों के साथ हुई हिंसा में घायल हो गए थे।
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सेना को दिए गश्त बढ़ाने के निर्देश
दो दिनों तक जनरल नरवणे ने पीएलए के साथ चार बिंदुओं पर जारी टकराव का जायजा लिया है। इसके अलाव उन्होंने एलएसी के 65 बिंदुओं पर गश्त को और बढ़ाने का आदेश दिया है। जनरल नरवणे ने लद्दाख दौरे पर सीनियर ऑफिसर्स को निर्देश दिए हैं कि इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) की मदद से सेना एलएसी पर गश्त को बढ़ाए। पिछले एक हफ्ते में आईटीबीपी की बटालियंस के साथ सेना की स्पेशल फोर्सेज एलएसी पर नजर रख रही हैं। आज जब जनरल नरवणे राजनीतिक नेतृत्व को एलएसी के हालातों के बारे में बताएंगे तो उसमें वह पीएलए के जवानों की तैनाती के साथ ही एलएसी पर उसके रुख पर भी बात करेंगे। आर्मी चीफ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ भी हालातों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) चीफ और नेवी चीफ से भी बात करेंगे।
22 जून की मीटिंग को दोनों देशों ने बताया सकारात्मक
इस बीच नई सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें नजर आ रहा है कि गलवान सेक्टर में चीनी सेना ने निर्माण कार्य किया है। एलएसी के दूसरी तरफ मोल्डो में 22 जून को भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की वार्ता हुई थी। इस वार्ता को दोनों ही देशों की तरफ से सकारात्मक करार दिया गया है। इस वार्ता के दौरान पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के ऑफिसर ने 15 जून को गलवान घाटी में हुई घटना 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया है। आपको बता दें कि 15/16 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच टकराव हिंसक हो गया था। इस घटना में 16 बिहार रेजीमेंट के 20 जवान शहीद हो गए थे जिसमें कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) कर्नल संतोष बाबू भी शामिल थे। अखबार द हिंदू ने सेना के सीनियर ऑफिसर के हवाले से इस बात की जानकारी दी है।