आंध्र प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से 11 मरीजों की मौत, CM ने दिए जांच के आदेश
हैदराबाद, 11 मई: देश का कोई भी राज्य कोरोना महामारी की दूसरी लहर से बचा नहीं है। पहली लहर में आंकड़ा जहां 1 लाख के आसपास रहता था, तो वहीं इस बार रोजाना के मरीजों की संख्या 4 लाख के करीब रहती है। जिस वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। एक ओर अस्पतालों में बेड नहीं, तो दूसरी ओर ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाइयों की किल्लत बनी हुई है। इस बीच आंध्र प्रदेश में भी ऑक्सीजन की कमी से 11 मरीजों के मौत की खबर सामने आई है।
जानकारी के मुताबिक तिरुपति के रुइया सरकारी अस्पताल में बड़ी संख्या में कोरोना मरीजों को भर्ती किया गया है। पिछले कुछ दिनों से वहां पर ऑक्सीजन का संकट चल रहा था। इस बीच सोमवार रात खबर सामने आई कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 11 मरीजों की मौत हो गई। घटना के बाद आनन-फानन में वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसी तरह से बाकी मरीजों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था की।
वहीं मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मामले को गंभीरता से लिया है। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार लगाई है। मामले में चित्तूर के जिला कलेक्टर हरिनारायण ने कहा कि आपूर्ति के दबाव में कमी की वजह से ये हादसा हुआ है। सीएम ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं, जो भी अधिकारी दोषी पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।
देशभर
में
यहां
से
होती
है
सप्लाई
आपको
ये
बात
जानकर
हैरानी
होगी
कि
आंध्र
प्रदेश
के
तटीय
शहर
विशाखापट्टनम
में
बड़ा
ऑक्सीजन
प्लांट
है।
दूसरी
लहर
में
जब
ऑक्सीजन
की
किल्लत
शुरू
हुई
तो
विशाखापट्टनम
ने
ही
हजारों
लोगों
की
जान
बचाई।
यहां
से
देश
के
विभिन्न
हिस्सों
में
ऑक्सीजन
एक्सप्रेस
चलाई
जा
रही
हैं।
ऐसे
में
आंध्र
प्रदेश
में
ही
ऑक्सीजन
की
कमी
से
मरीजों
की
मौत
ने
प्रशासन
पर
कई
सवाल
खड़े
कर
दिए
हैं।