प्रतिबंधों में ढील के साथ ही बढ़ी लापरवाही, मास्क के इस्तेमाल में 74% की गिरावट का अनुमान
लॉकडाउन हटने के बाद देश में मास्क के इस्तेमाल में करीब 74 फीसदी की गिरावट का अनुमान है।
नई दिल्ली, 16 जुलाई: कोरोना वायरस से बचाव के प्रतिबंधों में ढील मिलने के साथ ही संक्रमण को लेकर लोगों में काफी लापरवाही देखने को मिल रही है। शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी आंकड़ों के साथ इस लापरवाही की एक तस्वीर पेश की। अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोरोना प्रतिबंधों में छूट दिए जाने के बाद से देश में मास्क के ऑवरऑल इस्तेमाल में भारी गिरावट आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अलग-अलग राज्यों में लागू हुए लॉकडाउन के हटने के बाद देश में मास्क के इस्तेमाल में करीब 74 फीसदी की गिरावट का अनुमान है।
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लव अग्रवाल ने आगे बताया, 'अगर हम एनालिसिस को देखें, तो जैसे-जैसे देश में आर्थिक गतिविधियां शुरू हुई हैं, उसी के साथ मास्क के इस्तेमाल में भी बड़ी गिरावट का अनुमान है। कोरोना महामारी से बचाव के लिए हम लोगों को जीवन में मास्क को एक जरूरी अंग के तौर पर अपनाना चाहिए। हम सीधे तौर पर मास्क के इस्तेमाल में 74 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगा रहे हैं। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जरूरी है कि मास्क के इस्तेमाल में आई इस गिरावट को रोका जाए और पहले की तरह लोग इसका इस्तेमाल करें।'
'फिर
से
बढ़
सकता
है
वायरस
का
संक्रमण'
कोरोना
वायरस
से
बचाव
के
नियमों
में
मिली
ढील
के
प्रति
आगाह
करते
हुए
लव
अग्रवाल
ने
बताया,
'गूगल
के
मोबिलिटी
इंडेक्स
डेटा
से
ये
अहम
बात
पता
चलती
है
कि
मई
से
जुलाई
के
बीच
सार्वजनिक
गतिशीलता
में
बढ़ोतरी
हुई
है।
साथ
ही
इस
डेटा
से
यह
भी
पता
चला
कि
कई
इलाकों
में
सामुदायिक
मूवमेंट
की
सीमा
तो
कोरोना
वायरस
के
आने
से
पहले
के
समय
पर
पहुंच
गई
है।
लोगों
का
यह
व्यवहार
कोरोना
वायरस
के
संक्रमण
को
फिर
से
बढ़ा
सकता
है।
यह
समझना
बहुत
जरूरी
है
कि
जैसे-जैसे
आर्थिक
गतिविधियों
में
छूट
बढ़
रही
है,
हमें
मास्क
के
इस्तेमाल
और
सोशल
डिस्टेंसिंग
को
पहले
की
तरह
ही
अपनाना
जारी
रखना
होगा।'
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