'पाकिस्तान जिंदाबाद' कहने वाली अमूल्या के पिता बोले- मैंने उसे आगाह किया था, लेकिन उसने मेरी नहीं सुनी
बेंगलुरु। गुरुवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में आयोजित नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आयोजित रैली में उस समय हंगामा मच गया जब एक लड़की अचानक मंच से 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने लगी। इस लड़की का नाम अमूल्या लियोन है और उसके पिता की मानें तो उन्होंने बेटी को यह सब करने से रोका था। अमूल्या और रैली के आयोजकों पर देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने अमूल्या को 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया है। इस पूरे मसले पर अमूल्या के पिता का भी बयान आ गया है। बेंगलुरु में दिसंबर 2019 में शुरू हुए एंटी-सीएए रैलियों का अहम हिस्सा बन गई थीं।
यह भी पढ़ें-सामने आई 'पाकिस्तान जिंदाबाद' कहने वाली अमूल्या की फेसबुक पोस्ट
मुसलमानों से न मिलने-जुलने की सलाह
अमूल्या के फेसबुक प्रोफाइल को देखने पर जानकारी मिलती कि वह बेंगलुरु के एनएमकेआरवी कॉलेज फॉर वीमेन में पढ़ती हैं। अमूल्या को दिसंबर 2019 से ही बेंगलुरु में सुर्खियां मिलने लगी थी। उस समय देश के बाकी हिस्सों की ही तरह यहां पर सीएए के खिलाफ प्रदशर्न शुरू हो गए थे। अमूल्या भी इन प्रदर्शनों में जाती और उसकी तेज-तर्रार छवि का उसको काफी फायदा मिलता था। उसके पिता जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के स्थानीय नेता हैं। पिता ने बेटी के एक्शन को पूरी तरह से गलत करार दिया है। अमूल्या एक कॉलेज एक्टिविस्ट है और पहले भी उसकी तरफ से इस तरह के बर्ताव का प्रदर्शन किया जा चुका है। उसके पिता वाजी का कहना है कि उन्होंने हमेशा अपनी बेटी से कहा था कि वह इस तरह के बयान देने से बचे या फिर मुसलमानों के साथ न मिलेजुले, मगर उसने कभी उनकी नहीं सुनी।
पिता कहते थे पहले पढ़ाई पूरी कर लो
अमूल्या के पिता के पास दो एकड़ की जमीन है और वह एक पोल्ट्री फर्म भी चलाते हैं। उनका कहना है कि वह अपनी बेटी की जमानत के लिए कोई कोशिश नहीं करेंगे। उन्होंने अखबार द हिंदू से बात करते हुए कहा, 'कानून को अपना काम करने दीजिए। मैं उसके बयान का समर्थन नहीं कर सकता हूं।' पिता ने बेटी को कई बार कहा था कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करे न कि विरोध प्रदर्शनों में जाकर अपना समय बर्बाद करे। आगे चलकर अगर वह चाहे तो गरीब लोगों की हक के लिए लड़ाई कर सकती है। पिता के शब्दों में, 'उसने जो कुछ भी कहा है वह बिल्कुल ही अमान्य है। मुझे नहीं मालूम कि उसने ऐसा क्यों कहा। मुझे उम्मीद है कि इसकी जांच से पता चल सकेगा कि आखिर वह ऐसा कहने के लिए क्यों मजबूर हुई।'
ओवैसी के मंच से लगाए नारे
जिस समय अमूल्या यह 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगा रही थी, उस समय ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी वहां पर मौजूद थे। बताया जा रहा है कि रैली का आयोजन उनकी ही तरफ से हुआ था। अमूल्या ने 16 फरवरी को भी एक फेसबुक पोस्ट की थी। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि वह सभी देशों के जिंदाबाद के नारे लगाएंगी जिसमें भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश शामिल हैं। अमूल्या की पोस्ट में लिखा था, 'सबके लिए जिंदाबाद जो लोगों की सेवा करते हैं क्योंकि मैं किसी देश को जिंदाबाद बोलती हूं तो मैं किसी अलग देश का हिस्सा नहीं बनती हूं।' अखबार डेक्कन हेराल्ड के मुताबिक 19 साल की अमूल्या, कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के तहत आने वाले कोप्पा की रहने वाली हैं।
कुछ ही दिनों में हो गईं पॉपुलर
अखबार की मानें तो टिंडर जैसी हुकअप एप्स की मदद से भी उन्होंने सीएए के विरोध में जारी प्रदर्शनों के लिए समर्थन जुटाने की कोशिशें की थीं जो कि शहर के अलग-अलग हिस्सों में जारी थे। जनवरी माह के अंत तक अमूल्या, हर घर में एक जाना-माना नाम बन चुकी थीं। हर रैली में उन्हें देखा जाने लगा था। वह हर रैली में माइक ले लेती और बोलना शुरू कर देती। जब से देश में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे तब से अमूल्या काफी तेज-तर्रार तेवर अपनाए हुए थीं। डेक्कन हेराल्ड की एक खबर के मुताबिक अमूल्या ने उनके एक रिपोर्टर से दावा किया था कि पुलिस उन पर नजर रखे हुए है और उनका फेसबुक अकांउट भी ब्लॉक कर दिया गया है।