'कर्नाटक में हार के डर से Amul को मुद्दा बना रही कांग्रेस', सांसद तेजस्वी सूर्या ने बताया इसे फर्जी राजनीति
Amul vs Nandini Karnataka: साउथ बेंगलुरू के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा है कि कांग्रेस Amul से नफरत करती है क्योंकि ये गुजरात से है।''
चुनावी राज्य कर्नाटक में अमूल बनाम नंदिनी का लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इसी बीच भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि कर्नाटक के स्थानीय डेयरी ब्रांड नंदिनी बनाम अमूल के पीछे की राजनीति "फर्जी" है। कांग्रेस अपने चुनाव अभियान को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की राजनीति का इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेस होने वाले चुनाव में हार की डर की वजह से ऐसा कर रही है।
एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि विपक्ष को नकली और गैर-मौजूद मुद्दों को जानबूझकर बढ़ावा देना पड़ रहा है क्योंकि वह 10 मई को आगामी चुनाव हारने की संभावना से निराश हैं।
तेजस्वी सूर्या ने कहा, ''अगर आपको अमूल से समस्या है, तो आपको तमिलनाडु के अरोक्या, हेरिटेज, आंध्र प्रदेश के थिरुमाला और डोडला जैसे ब्रांडों से भी समस्या होनी चाहिए। अमूल को ही क्यों निशाना बनाया? कर्नाटक के लोग स्पष्ट रूप से जानते हैं कि यह नंदिनी के लिए प्यार नहीं है, बल्कि अमूल के प्रति उनकी नफरत है क्योंकि अमूल ब्रैंड गुजरात से है और अमित शाह और नरेंद्र मोदी गुजरात से हैं।''
तेजस्वी सूर्या ने कहा कि अमूल कर्नाटक में दशकों से अपने प्रोडक्ट का संचालन और बेचने वाला ब्रांड था। विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद भी यह अमूल को कर्नाटक में लाने की साजिश नहीं थी।
तेजस्वी सूर्या ने कहा, ''विपक्ष के नेता सिद्धारमैया को कर्नाटक के लोगों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए,...वो मुझे ये बताए कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) के विकास और स्वास्थ्य में सुधार के लिए उन्होंने आज तक क्या किया है...।'' बता दें कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन कंपनी के प्रोडक्ट ही नंदिनी दूध बेचती है।
Amul vs Nandini विवाद क्या है?
कर्नाटक में दूध को लेकर राजनीति सुर्खियां बटोर रही है, खासकर कांग्रेस और जद (एस) द्वारा 'अमूल बनाम नंदिनी' को चुनावी मुद्दा बनाया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिसंबर 2022 में एक बयान दिया था, जब वह मांड्या में केएमएफ के एक डेयरी फार्म का उद्घाटन करने गए थे।
अमित शाह ने कहा था, ''अमूल और केएमएफ (नंदिनी) कर्नाटक के हर गांव में प्राथमिक डेयरी सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे। 47 सालों में कर्नाटक ने डेयरी क्षेत्र में प्रगति की है और इसी अवधि के दौरान कारोबार 4 करोड़ रुपये बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये हो गया है। कर्नाटक में सहकारी डेयरी को बढ़ावा देने के लिए अमूल और केएमएफ को मिलकर काम करना होगा।''
यह मुद्दा पिछले हफ्ते एक बड़ा विवाद बन गया, जब अमूल ने ट्वीट कर लिखा कि वह बेंगलुरु में जल्द ही अपने प्रोडक्ट बेचने वाले हैं। अमूल के इस पोस्ट के बाद ही ट्विटर पर #GoBackAmul और #SaveNandini जैसे हैशटैग वायरल होने लगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने कन्नडिगों से अमूल ब्रांड का बहिष्कार करने और "कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) का समर्थन करने की अपील करते हुए ट्वीट किया था।