एयरसेल-मैक्सिस केस में 4 मई तक जांच पूरी करने के आदेश, चिदंबरम और उनके बेटे हैं आरोपी
नई दिल्ली। एयरसेल मैक्सिस केस में दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को 4 मई तक का वक्त दिया है। इस मामले में जांच पूरी करने के लिए एजेंसियों ने कोर्ट से और वक्त मांगा था। एयरटेल मैक्सिस केस में अब चार मई को अगली सुनवाई होगी।
बता दें कि एयरसेल-मैक्सिस डील को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने के मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो और ईडी जांच कर रही है। ईडी ने अदालत को बताया कि चार देशों को अनुरोध पत्र भेजे गए हैं जिनके जवाब का इंतजार है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई चार मई तक स्थगित कर दी है।
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सीबीआई ने एयरसेल मैक्सिस केस में सीबीआई ने चिदंबरम समेत 18 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें 11 व्यक्ति और सात कंपनियां शामिल हैं। एयरसेल-मैक्सिस केस भी एफआईपीबी से जुड़ा है। किसी बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के लिए पी चिदंबरम को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से मंजूरी लेनी जरूरी थी। आरोप है कि इसके बावजूद, एयरसेल-मैक्सिस एफडीआई मामले में चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की मंजूरी के बिना परमिशन दे दी। एयरसेल-मैक्सिस डील केस 3500 करोड़ की FDI की मंजूरी का है।
एयरसेल-मैक्सिस डील केस में जांच एजेंसी पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति से कई बार पूछताछ कर चुकी है। इस मामले में उनके बेटे को जांच एजेंसी ने गिरफ्तार भी किया था। इस मामले में ईडी ने पूर्व वित्त मंत्री पर धन शोधन का केस भी दर्ज किया है। धन शोधन से जुड़े आईएनएक्स मीडिया केस में कांग्रेस नेता को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में 105 बाद चिदंबरम की जमानत मंजूर हुई थी और तिहाड़ जेल से बाहर आए थे। उनके बेटे कार्ति दोनों केस में जमानत पर हैं।