मच्छर काटने की वजह से होता है HIV-AIDS!,जानिए कितने भारतीय युवा अभी भी ऐसा मानते हैं
नई दिल्ली, 23 अगस्त: एचआईवी/एड्स के खिलाफ देश में कम से कम 5 दशकों से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन, हैरानी की बात ये है कि अभी भी देश में ऐसे लोगों की तादाद काफी ज्यादा है, जो इस गंभीर और जानलेवा बीमारी को लेकर उतने सजग नहीं हुए हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत टीनेजरों को लेकर है। जिनमें वैसे तो काफी खुलापन आ चुका है, लेकिन इस गंभीर बीमारी के प्रति उनमें सजगता का बहुत ही अभाव दिखता है। हाल में इसपर एक राष्ट्रीय स्तर पर सर्वे किया गया है, जिसके नतीजें चौंकाने वाले हैं।
महिलाओं में जागरूकता की ज्यादा कमी-सर्वे
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के नतीजे बहुत ही चौंकाने वाले हैं। इसके मुताबिक अभी भी भारतीय युवाओं में एचआईवी/एड्स को लेकर जानकारी का बहुत ही ज्यादा अभाव है। सबसे बड़ी बात ये है कि इन युवाओं में एक बड़ी तादाद अभी भी यह मानती है कि यह संक्रामक बीमारी मच्छरों के काटने से फैलती है और खाना शेयर करने से भी इसका वायरस एक-दूसरे को संक्रमित कर सकता है। सर्वे में दावा किया गया है कि इस बीमारी के बारे में महिलाओं में तो जानकारी की और भी अधिक कमी है। इसके मुताबिक 15 से 24 साल के उम्र की 22 फीसदी महिलाओं को और करीब 31 फीसदी मर्दों को ही इसके बारे में व्यापक जानकारी है।
टीनेजरों में जानकारी का ज्यादा अभाव
सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि एचआईवी के बारे में जागरूकता उम्र के साथ बढ़ती जाती है और किशोरों को तो इसकी बहुत ही कम जानकारी होती है। यदि 15 से 17 और 23 से 24 आयु वर्ग की तुलना करें तो पहले में सिर्फ 17 फीसदी लड़कियों और 24 फीसदी लड़कों को ही इस बीमारी के बारे में पुख्ता जानकारी होती है। जबकि, दूसरे ग्रुप में यह क्रमश: 24 फीसदी और 33 फीसदी है। इससे यह संकेत मिलता है कि जागरूकता अभियानों का प्रभाव देखने को मिलता है और लोगों में व्यावहारिक बदलाव नजर आने लगता है।
मच्छर काटने की वजह से होता है एचआईवी/एड्स!
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि भारत में अभी भी ऐसे लोगों की संख्या काफी अधिक है, जिनको लगता है कि मच्छर काट लेने या खाना शेयर कर लेने की वजह से भी एक से दूसरे को एचआईवी/एड्स फैल सकता है। सर्वे के मुताबिक देश में सिर्फ 54 फीसदी महिलाओं और 64 फीसदी पुरुषों को ही पता है कि एचआईवी/एड्स मच्छर काटने की वजह से नहीं हो सकता। वहीं, 45 फीसदी महिलाएं और 59 फीसदी पुरुष जानते हैं कि यह बीमारी किसी रोगी के साथ खाना शेयर करने से नहीं फैल सकती है।
जागरूकता में आई कमी चिंताजनक
हालांकि, इस सर्वे में एक सकारात्मक तथ्य यह भी सामने आया है कि करीब दो-तिहाई महिलाएं (67 फीसदी) और 71 फीसदी पुरुषों को यह पता है कि अगर कोई व्यक्ति स्वस्थ लग रहा है, लेकिन उसे भी एचआईवी/एड्स हो सकता है। लेकिन, इसके साथ ही सर्वे का यह आंकड़ा चिंताजनक है कि एचआईवी की व्यापक जानकारी रखने वाली युवा महिलाओं और पुरुषों की संख्या में पिछले सर्वे के मुकाबले कमी आई है। जैसे नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 (2015-16) में 22 फीसदी युवतियों और 32 फीसदी युवकों को इसके बारे में व्यापक जानकारी थी। लेकिन, नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5(2019-21) में यह संख्या युवतियों में 20 फीसदी और युवकों में सिर्फ 29 फीसदी रह गई है।
काफी लोगों को अभी तक इस बीमारी के बारे में नहीं पता
भारत की अनुमानित आबादी 130 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। लेकिन, 87 फीसदी महिला आबादी और 94 फीसदी पुरुष जनसंख्या ने ही एचआईवी/एड्स के बारे में सुना है। यानी एक बहुत बड़ी आबादी अभी तक इस जानलेवा बीमारी और वायरस के बारे में जानती तक नहीं है। इसमें भी उत्तर और दक्षिण भारत के बीच असमें बहुत बड़ा अंतर है। दक्षिण भारतीय राज्यों में इसके बारे में जानकारी रखने वालों की संख्या सबसे अधिक है और 90 फीसदी से ज्यादा लोग इस बीमारी से परिचित हैं। (तस्वीरें-फाइल)