वो 5 जज जिनकी कॉलेजियम ने की थी सिफारिश, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को दी हरी झंडी
केंद्र सरकार ने पांच जजों की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी। इन सभी की सिफारिश कॉलेजियम ने की थी।
न्यायपालिका और सरकार बीच खींचतान के बाद केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट में पांच नए जजों की नियुक्ति के बाद सर्वोच्च अदालत में जजों की कुल संख्या 32 हो जाएगी। इससे पहले हाई कोर्ट के तीन मुख्य न्यायाधीशों और दो जजों के नाम सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए भेजे थे।
दरअसल, इस पहले जजों के पैनल कॉलेजियम की एक सिफारिश को लेकर केंद्र की सलाह को दरकिनार करने के बाद कार्यपालिका और न्यापालिका के बीच टकराव (Collegium controversy) की खबरें आईं थी। केंद्र के इस फैसले के बाद न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच टकराव की स्थिति समाप्त हो गई है। आइए जानते हैं को वो पांच जज कौन हैं, जिनकी नियुक्ति को शनिवार को केंद्र ने मंजूरी दी।
न्यायमूर्ति
मनोज
मिश्रा
12
दिसंबर
1988
को
एक
वकील
के
रूप
में
मौजूदा
न्यायमूर्ति
मनोज
मिश्रा
रजिस्ट्रेशन
कराया
था।
इससे
पहले
उन्होंने
1988
में
इलाहाबाद
विश्वविद्यालय
से
कानून
की
पढ़ाई
की।
उन्होंने
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
में
दीवानी,
राजस्व,
आपराधिक
और
संवैधानिक
पक्ष
के
क्षेत्र
में
प्रैक्टिस
की।
21
नवंबर
2011
को
वे
अतिरिक्त
न्यायाधीश
के
रूप
में
पदोन्नत
किए
गए।
बाद
में
उन्होंने
06
अगस्त,
2013
को
वे
स्थायी
न्यायाधीश
के
रूप
में
शपथ
ली।
न्यायमूर्ति
पंकज
मिथल
न्यायमूर्ति
पंकज
मित्तल
ने
1985
से
इलाहाबाद
उच्च
न्यायालय
में
प्रैक्टिस
की
है।
उन्होंने
वर्ष
1982
में
इलाहाबाद
विश्वविद्यालय
से
स्नातक
और
मेरठ
कॉलेज
से
एलएलबी
की
थी।
जनवरी
2021
में
उन्हें
जम्मू
कश्मीर
हाईकोर्ट
के
मुख्य
न्यायाधीश
के
रूप
में
पदोन्नत
किया
गया
था।
न्यायमूर्ति
संजय
करोल
पटना
उच्च
न्यायालय
के
मुख्य
न्यायाधीश
संजय
करोल
भी
सुप्रीम
कोर्ट
के
जज
बने
हैं।
11
नवंबर,
2019
को
वे
पटना
हाईकोर्ट
में
नियुक्त
हुए
थे।
इससे
पहले
उन्होंने
त्रिपुरा
उच्च
न्यायालय
के
मुख्य
न्यायाधीश
के
रूप
में
कार्य
किया
था।
इसके
अलावा
करोल
ने
त्रिपुरा
राज्य
विधिक
सेवा
प्राधिकरण
के
मुख्य
संरक्षक
और
त्रिपुरा
न्यायिक
अकादमी
के
अध्यक्ष
के
रूप
में
कार्य
किया
है।
न्यायमूर्ति
पीवी
संजय
कुमार
न्यायमूर्ति
पीवी
संजय
कुमार
मणिपुर
हाईकोर्ट
के
मुख्य
न्यायाधीश
और
पंजाब
एंड
हरियाणा
उच्च
न्यायालय
के
न्यायाधीश
के
पद
पर
रह
चुके
हैं।
उनके
पिता
रामचंद्र
रेड्डी
आंध्र
प्रदेश
के
पूर्व
महाधिवक्ता
थे।
न्यायमूर्ति
अहसानुद्दीन
अमानुल्लाह
इन्हें
20
जून,
2011
को
पटना
उच्च
न्यायालय
के
न्यायाधीश
के
रूप
में
पदोन्नत
किया
गया।
इसके
बाद
न्यायमूर्ति
अमानुल्लाह
10
अक्टूबर,
2021
को
आंध्र
प्रदेश
उच्च
न्यायालय
और
बाद
में
जून
2022
में
वे
टना
उच्च
न्यायालय
में
स्थानांतरित
किए
गए
।
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