7th pay commission: 15 अगस्त को पीएम मोदी देंगे केंद्रीय कर्मियों को तोहफा? चुनावी गणित कहता है- हां
नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों को 15 अगस्त का बड़ी बेसब्री से इंतजार है। कई मीडिया रिपोर्ट में ऐसी बातें सामने आ रही हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी 7th pay commission यानी सातवें वेतन आयोग के संबंध में स्वतंत्रता दिवस पर बड़ी घोषणा कर सकते हैं। हालांकि, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन ने संसद में स्पष्ट कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से अलग किसी प्रकार की बढ़ोतरी सरकार नहीं करने जा रही है, लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव का गणित मोदी सरकार को ऐसा करने पर मजबूर कर सकता है। चुनाव को ध्यान में रखते हुए पहले भी 7th pay commission से जुड़ी बड़ी-बड़ी घोषणाएं केंद्र सरकारें करती रही हैं। केंद्रीय कर्मचारियों में आम धारणा है कि बीजेपी के राज में उनकी झोली खाली रह जाती है, लेकिन इस बार मोदी सरकार उनकी शिकायत दूर सकती है। पीएम नरेंद्र मोदी 2019 लोकसभा चुनाव से पहले जिस प्रकार से एक के बाद एक लोकप्रिय घोषणाएं कर रहे हैं, उससे यह बात अब लगभग साफ है कि मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को नाराज करने का जोखिम नहीं उठा सकती।
1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारी निराश हुए तो बीजेपी को बड़ा नुकसान
केंद्र सरकार के मौजूदा कर्मचारियों की संख्या करीब 50 लाख है, जबकि 60 लाख के आसपास पेंशनधारी हैं। इस प्रकार से आंकड़ा 1 करोड़ के पार पहुंच जाता है। मतलब 1 करोड़ परिवार सातवें वेतन आयोग से सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं। बड़ी ही सरल सी बात है कि अगर मोदी सरकार ने इन्हें निराश किया तो वे बीजेपी को वोट क्यों देंगे? और बात जब वोट की आएगी तो 1 करोड़ का यह आंकड़ा सिर्फ 1 करोड़ कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगा।
सातवें वेतन आयोग से प्रभावित होंगे करीब 3 करोड़ वोट
उदाहरण के तौर पर यदि हम मानकर चलें 1 परिवार में औसतन 5 लोग हैं तो इस प्रकार से 1 करोड़ परिवार के लोगों की संख्या 5 करोड़ हो जाती है। इनमें से कई परिवारों में बच्चे भी होंगे तो हम मोटा-मोटी 3 करोड़ वोटर मान लेते हैं, जो कि सीधे तौर पर सातवें वेतन आयोग से प्रभावित होंगे। अब इस 3 करोड़ वोट की ताकत को एक और उदाहरण से समझते हैं। 2009 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने करीब 206 सीटें जीती थीं, इनमें उसे 11 करोड़ से थोड़े ज्यादा वोट हासिल हुए थे। अब अगर बीजेपी ये 3 करोड़ वोट गंवा देती है, उसका कितना नुकसान होगा, यह अंदाजा लगाना कोई मुश्किल काम नहीं।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के दायरे से बाहर जाकर मिलेगा केंद्रीय कर्मियों को तोहफा?
सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार ने न्यूनतम वेतन में 8000 रुपए की बढ़ोतरी की मांग को मान लिया है। माना जा रहा है कि सरकार न्यूनतम सैलरी को 18000 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 26000 रुपए कर सकती है। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन माना जा रहा है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का दायरा तोड़कर कर्मचारियों की यह मांग पूरी की जाएगी। इसके साथ ही मंहगाई भत्ते में भी बढ़ोतरी की उम्मीद केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को है।