कोरोना मामले में 79 फीसदी की गिरावट, रिकवरी रेट हुआ 94.3%: हेल्थ मिनिस्ट्री
नई दिल्ली, जून 8: दूसरी लहर में अब कोरोना के मामलों में हर दिन गिरावट देखने को मिल रही है। मंगलवार को मीडिया ब्रीफ के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि, जहां 7 मई को देश में प्रतिदिन के हिसाब से 4,14,000 मामले दर्ज़ किए गए थे, वे अब 1 लाख से भी कम हो गए हैं। पिछले 24 घंटों में 86,498 मामले देश में दर्ज़ किए गए। यह 3 अप्रैल के बाद अब तक एक दिन के सबसे कम मामले हैं। मामलों में लगभग 79% की गिरावट है।
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उन्होंने कहा कि, 4 मई को देश में 531 ऐसे ज़िले थे, जहां प्रतिदिन 100 से अधिक मामले दर्ज़ किए जा रहे थे, ऐसे ज़िले अब 209 रह गए हैं। पिछले एक सप्ताह में मामलों की संख्या में 33% की गिरावट और सक्रिय मामलों में 65% की कमी आई है। राज्यवार, 5% से कम सकारात्मकता मामलों वाले 15 राज्य हैं। पिछले सप्ताह कुल रिपोर्ट किए गए मामलों में 33% की गिरावट देखी गई थी। पिछले एक महीने में 322 जिलों में दैनिक मामलों में गिरावट देखी गई है।
लव अग्रवाल ने कहा कि, 3 मई को देश में रिकवरी रेट 81.8% था, अब रिकवरी रेट 94.3% हो गया है। पिछले 24 घंटों में देश में 1,82,000 रिकवरी हुई हैं। हर राज्य में अब रिकवरी की संख्या प्रतिदिन दर्ज़ किए जा रहे मामलों की संख्या से ज्यादा है। वहीं वैक्सीन के मुद्दे पर नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि, निजी क्षेत्रों (अस्पतालों) के लिए टीकों की कीमत वैक्सीन निर्माताओं द्वारा तय की जाएगी। राज्य निजी क्षेत्र की कुल मांग को देखेंगे। जिसका अर्थ है कि वे देखेंगे कि उसके पास सुविधाओं का कितना नेटवर्क है, और उसे कितनी खुराक की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि, सरकार ने कोविशील्ड की 25 करोड़ खुराक और कोवैक्सिन की 19 करोड़ खुराक खरीदने का आदेश दिया है। सरकार ने जैविक ई के टीके की 30 करोड़ खुराक खरीदने का भी आदेश दिया है, जो सितंबर तक उपलब्ध होगी। कोविशील्ड (25 करोड़ खुराक) और कोवैक्सिन (19 करोड़ खुराक) की ये 44 करोड़ खुराक अब से शुरू होकर दिसंबर 2021 तक उपलब्ध होंगी। इसके अतिरिक्त, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक को दोनों टीकों की खरीद के लिए 30% अग्रिम जारी किया गया है।
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जब वीक पॉल से पूछा गया कि, क्या भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद टीकाकरण के लिए नए दिशानिर्देश पेश किए हैं। तो उन्होंने कहा कि, हम सुप्रीम कोर्ट की चिंता का सम्मान करते हैं, लेकिन भारत सरकार 1 मई से विकेन्द्रीकृत मॉडल के कार्यान्वयन का मूल्यांकन कर रही थी। ऐसे निर्णय विश्लेषण और परामर्श के आधार पर समय की अवधि में लिए जाते हैं।
वहीं एम्स निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बच्चों में कोरोना फैलने को लेकर कहा कि, वैश्विक या भारतीय किसी भी डेटा में बच्चों के अधिक प्रभावित होने का कोई अवलोकन नहीं किया गया है। दूसरी लहर में भी जो बच्चे संक्रमित थे, उन्हें हल्की बीमारी या सह-रुग्णता थी। मुझे नहीं लगता कि हमें भविष्य में बच्चों में गंभीर संक्रमण होगा।