लोकसभा में हंगामा करने के आरोप में कांग्रेस के 7 सांसद पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित
नई दिल्ली। कांग्रेस के सात सांसदों को संसद के मौजूदा बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया है। सदन में कदाचार के आरोपों को लेकर कांग्रेस सदस्यों को निलंबित किया गया है। लोकसभा में ध्वनिमत से कांग्रेस सांसदों के निलंबन संबंधी प्रस्ताव को पास किया गया। निलंबित किए गए सांसदों में गौरव गोगोई, गुरजीत सिंह, टीएन प्रतापन, डीन कुरीकोस, आर उन्नीथन, मनिकम टैगोर, बेनी बेहन और गुरजीत सिंह औजला शामिल हैं।
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बुधवार को दिल्ली हिंसा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते हुए कुछ सांसद बुधवार को वेल तक पहुंच गए थे। सदन में लगातार हंगामे के बाद बीजेपी की ओर से लोकसभा में विपक्ष सांसदों को सदन से इस पूरे सत्र के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव लाया गया था। प्रस्ताव स्पीकर ओम बिड़ला के सामने रखा गया। जिसे ध्वनिमत से पास कर दिया गया।
कांग्रेस सांसदों के निलंबन पर लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, क्या देश में यहां तानाशाही चल रही है? ये दिखा रहा है कि सरकार दिल्ली हिंसा पर चर्चा नहीं चाहती। सदन में हम सब ने विरोध किया था। मैंने भी विरोध किया था,ये लोग मुझे क्यों नहीं निलंबित करते।
निलंबित किए गए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा है कि हमें चाहें एक साल के लिए निलंबित कर दें, लेकिन दिल्ली के दंगों और इससे लोगों की पीड़ा पर चर्चा करें।
संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कांग्रेस सांसदों के निलंबन पर कहा है कि स्पीकर की मेज से कागज छीनना बेहद अपमानजनक है, हम इसकी निंदा करते हैं।
के बजट सत्र का दूसरा भाग 2 मार्च से शुरू हुआ है, ये सत्र 3 अप्रैल तक चलेगा। कांग्रेस के ये सात सांसद अब इस सत्र में भाग नहीं ले सकेंगे। बता दें कि बजट सत्र का दूसरा भाग अब तक हंगामेदार रहा है। विपक्ष लगातार दिल्ली में हिंसा और अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष हंगामा कर रहा है, जिसके चलते लगातार कार्यवाही बाधित है। संदन के भीतर हंगामा हो रहा है तो वहीं सांसद लगातार संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने भी प्रदर्शन कर रहे हैं। विपक्ष के सांसद कई बार काली पट्टी बांधकर गांधी प्रतिमा के बाहर प्रदर्शन कर चुके हैं। विपक्ष का कहना है कि पीएम दिल्ली हिंसा की जिम्मेदारी लेते हुए गृहमंत्री को हटाए और सदन में इस पर चर्चा कराए। बता दें कि 25 और 25 फरवरी को दिल्ली में हुई हिंसा में 47 लोगों की मौत हो गई है।
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