IMA के दावे से बढ़ी टेंशन, प्रदूषण के चलते दिल्ली में 13% बढ़े कोरोना के केस
दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एक बार फिर कोरोना वायरस (Coronavirus) तेजी से फैल रहा है। तीन नवम्बर से लगातार दिल्ली में हर रोज 6 हजार से अधिक COVID-19 के केस देखे जा रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक खराब हवा के चलते 13% कोरोना के केस बढ़े हैं।
IMA ने दिल्ली वासियों को सलाह दी है कि लोग सुबह के समय में टहलने के लिए बाहर न निकलें क्योंकि इस समय प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक होता है। चूंकि बुजुर्गों और बच्चों में इम्यून सिस्टम कमजोर होता है ऐसे में इनके कोरोना वायरस से प्रभावित होने का खतरा सबसे ज्यादा है।
वायु
प्रदूषण
बड़ा
खतरा
विशेषज्ञों
के
मुताबिक
50-100
एयर
क्वालिटी
इंडेक्स
(AQI)
होने
पर
सांस
की
बीमारियों
से
जुड़े
लोगों
को
सांस
लेने
में
मुश्किल
होती
है।
अगर
AQI
300
के
पार
हो
तो
स्वस्थ
लोगों
को
भी
मुश्किल
होने
लगती
है।
शनिवार
सुबह
दिल्ली
का
एयर
क्वालिटी
इंडेक्स
443
दर्ज
किया
गया
था।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ पिछले कई सप्ताह से वायु प्रदूषण बढ़ने के साथ कोरोना वायरस के केस में बढ़ोतरी को लेकर चेतावनी जारी करते रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर दिल्ली और दूसरे प्रमुख शहरों में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित नहीं किया जाता है तो कोरोना वायरस के केस में बढ़ोतरी जारी रहेगी।
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17
प्रतिशत
मौतें
वायु
प्रदूषण
के
चलते
पिछले
सप्ताह
विभिन्न
यूरोपीय
संस्थानों
से
जुड़े
6
शोधकर्ताओं
ने
पाया
था
कि
भारत
में
कोविड-19
के
चलते
हुए
1.26
लाख
मौतों
में
17
प्रतिशत
में
वायु
प्रदूषण
भी
प्रमुख
कारक
है।
वहीं
शेष
विश्व
में
ये
आंकड़ा
15
प्रतिशत
है।
दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण को रोकने की दिशा में कई सारे कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर और कोविड-19 केस की बढ़ती संख्या के चलते अगले सप्ताह दिवाली को लेकर पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।
केजरीवाल ने दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में किसी भी तरह की नई निर्माण यूनिट शुरू करने पर भी रोक लगा दी है। इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के चलते भी दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ रहा है।
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