हिमाचल की सरकारी बसों का किराया महिलाओं के लिए आधा करने पर उठे सवाल, कांग्रेस ने कहा- चुनावी साल में ही क्यों?
शिमला, 5 जुलाई। चुनावी साल में हिमाचल प्रदेश में इस बार मतदाताओं के लिये राजनीतिक दल बहारें लेकर आ रहे हैं। जिससे इस बार विकास की नहीं यहां राजनीतिक दलों की ओर से मिलने वाले लाभों की खासी चर्चा हो रही है। सभी दलों ने मतदाताओं को रिझाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रदेश में इस बार सत्तारूढ दल भाजपा और कांग्रेस पार्टी के अलावा आम आदमी पार्टी (आप) भी अपनी पैठ बनाने की कोशिश में है। जिससे परंपरागत पार्टियों में अपना वोट बैंक खिसकने का भय पैदा होने लगा है।
इसी के चलते सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने महिला मतदाताओं को रिझाने के मकसद से महिलाओं के लिए टिकट के किराए में 50 फीसदी छूट की घोषणा की है। यह छूट राज्य द्वारा संचालित बसों, एचआरटीसी (हिमाचल सड़क परिवहन निगम) में दी जाएगी। सरकारी आंकडों के मुताबिक हिमाचल में हर रोज करीब एक लाख 25 हजार महिलाएं बसों में सफर करती हैं। इस योजना से सरकार के खजाने में 60 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। योजना की शुरूआत हो गई है। मुख्यमंत्री जयराम रमेश ने कहा कि पूरे राज्य में महिलाओं की आबादी 50 प्रतिशत है, हम बसों से यात्रा करने वाली महिलाओं को सुविधा प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को एचआरटीसी की बसों में 50 फीसदी छूट देने से प्रदेश की महिलाओं को लाभ मिलेगा।
लेकिन बसों में किराए की रियायत हो या फिर बिजली बिल में छूट इसको लेकर सवाल भी उठने लगे हैं कि प्रदेश पहले ही कर्ज के बोझ में दबा है तो इसके लिये पैसा आएगा, कहां से। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार लोक लुभावनी योजनाओं को चुनावी साल में ही क्यों ला रही है। चार माह बाद आचार संहिता लग जायेगी। तब तक सरकार बजट में प्रावधान कर पायेगी। इसका भी जवाब दिया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि सरकार संजीदा होती तो ऐसे निर्णय साढे चार साल पहले ही ले लिए जाते।
इससे पहले अप्रैल में ठाकुर ने सभी महिलाओं के लिए 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा की थी। इन घोषणाओं को मतदाताओं को लुभाने के कदम के तौर पर देखा जा रहा है कि क्योंकि राज्य में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के हिमाचल प्रदेश की राजनीति में आने के बाद भाजपा को अपना वोट बैंक खिसकता नजर आ रहा है। आप की रैलियों में बढ़ती भीड़ और की जा रही लोकलुभावन घोषणाओं से समीकरण बदलने लगे हैं। यही वजह है कि अब भाजपा भी इस मामले में पीछे नहीं रहना चाहती।
आम आदमी पार्टी राज्य में आक्रामक तरीके से प्रचार कर रही है और उसकी रैलियों में भारी भीड़ जुट रही है। पार्टी ने महिलाओं को बिजली, पानी और मुफ्त बस सफर के विचार को लोकप्रिय बनाया है। आप ने दिल्ली और पंजाब में मुफ्त बिजली नीति लागू की है और हिमाचल और गुजरात में मुफ्त बिजली देने की घोषणा की है। पंजाब में भारी बहुमत से जीतने के बाद आप की नजर हिमाचल प्रदेश पर टिकी है।राजनीतिक जानकार रविन्द्र सूद मानते हैं कि आप के आने से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों को चुनावों में नुकसान उठाना पडेगा। इस नुकसान को कम करने के लिये भाजपा ने अपनी तैयारी कर रही है। और मतदाताओं के लिये मुफ्त सुविधा देने की घोषणा करने लगी है।
दरअसल , अप्रैल में जब जय राम ठाकुर ने मुफ्त बिजली और बस किराए में छूट की घोषणा की थी तब आप ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा था कि बीजेपी अरविंद केजरीवाल के गवर्नेंस मॉडल की नकल कर रही है। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा था कि भाजपा जनता को कोई सुविधा देने में विश्वास नहीं रखती है। यह आप का डर है जिसकी वजह से उन्होंने केजरीवाल के गवर्नेंस मॉडल की नकल करना शुरू कर दिया है।। पिछले कुछ महीनों में सीएम अरविंद केजरीवाल समेत आप के कई नेता हिमाचल प्रदेश के कई दौरे कर चुके हैं। कांगड़ा में एक रैली को संबोधित करते हुए, दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा था कि यह 'नया हिमाचल' बनाने का समय है। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस के सभी अच्छे लोगों से अपनी पार्टियों को छोड़कर आप में शामिल होने का आग्रह किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि बीजेपी हिमाचल प्रदेश में जल्द विधानसभा चुनाव कराएगी।