हिमाचल में CM की रेस से पीछे हटे सुखविंदर सिंह सुक्खू, किसने क्या कहा ? जानिए
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस में मुख्यमंत्री का नाम अभी तक साफ नहीं हुआ है। प्रतिभा सिंह की दावेदारी सबसे मजबूत लग रही है, लेकिन हाई कमान ही फैसला लेगा, यही बातें सामने आ रही हैं।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला है, लेकिन पार्टी को मुख्यमंत्री का नाम तय करने में काफी मात्थापच्ची करनी पड़ रही है। हालांकि, इसमें पार्टी हाई कमान के लिए एक राहत की खबर ये है कि सीएम पद के प्रमुख दावेदारों में शामिल सुखविंदर सिंह सुक्खू ने साफ कह दिया है कि वह मुख्यमंत्री के उम्मीदवार नहीं हैं और हाई कमांन का फैसला ही उनके लिए अंतिम होगा। गौरतलब है कि इससे पहले पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह सार्वजनिक तौर पर मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी ठोक चुकी हैं। हालांकि, शिमला से पार्टी विधायक हर्षवर्धन चौहान ने भी यह कहकर पूरे घटनाक्रम को नया ट्विस्ट दे दिया है कि जो भी फैसला होगा, वह निर्वाचित विधायकों की राय के मुताबिक ही होगा। इस बीच विधायक दल की बैठक के लिए पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे और शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह विक्ट्री साइन दिखाते हुए पार्टी ऑफिस पहुंचे।
कांग्रेस
की
सरकार
बनेगी,
मुख्यमंत्री
कौन
बनेगा
?
हिमाचल
प्रदेश
में
कांग्रेस
68
में
से
40
सीटें
जीतकर
सरकार
बनाने
की
स्थिति
में
तो
आ
चुकी
है,
लेकिन
मुख्यमंत्री
के
नाम
पर
पार्टी
में
काफी
घमासान
मचा
हुआ
है।
प्रतिभा
सिंह
के
समर्थकों
की
नारेबाजी
का
कई
वीडियो
वायरल
हो
चुका
है।
सीएम
पद
की
दावेदारी
में
लोकसभा
सांसद
और
प्रदेश
कांग्रेस
अध्यक्ष
प्रतिभा
सिंह
का
नाम
सबसे
मजबूत
बताया
जा
रहा
है।
इनके
अलावा
जिन
लोगों
को
नाम
लिया
जा
रहा
है
उनमें
पार्टी
के
पूर्व
प्रदेश
अध्यक्ष
सुखविंदर
सिंह
सुक्खू
और
पिछले
विधानसभा
में
कांग्रेस
विधायक
दल
के
नेता
मुकेश
अग्निहोत्री
का
नाम
भी
शामिल
है।
लेकिन,
सुक्खू
ने
शुक्रवार
को
खुद
का
नाम
पीछे
करके
हाई
कमान
को
बहुत
बड़ी
राहत
दी
है।
मैं
सीएम
का
उम्मीदवार
नहीं
हूं-
सुखविंदर
सिंह
सुक्खू
हिमाचल
प्रदेश
के
कांग्रेस
नेता
सुखविंदर
सिंह
सुक्खू
ने
कहा
है
कि
'मैं
सीएम
का
उम्मीदवार
नहीं
हूं।
मैं
कांग्रेस
पार्टी
का
एक
अनुशासित
सिपाही
और
कार्यकर्ता
हूं
और
एक
एमएलए
हूं।
पार्टी
हाई
कमान
का
फैसला
अंतिम
होगा।'
उधर
शिमला
के
कांग्रेस
विधायक
हर्षवर्धन
चौहान
ने
भी
कहा
है
कि
हाई
कमान
का
फैसला
अंतिम
होगा,
लेकिन
साथ
ही
साथ
उन्होंने
विधायकों
की
राय
को
भी
अहमियत
दी
है।
विधायकों
की
राय
के
अनुसार
फैसला-
शिमला
विधायक
हर्षवर्धन
चौहान
ने
कहा
है,
'जो
भी
फैसला
कांग्रेस
आलाकमान
लेगा
वह
हमें
मंजूर
होगा।
हम
अपनी
बात
रखेंगे,
चुने
हुए
विधायकों
की
राय
के
मुताबिक
फैसला
होगा।'
उधर
कांग्रेस
में
सीएम
पद
को
लेकर
जारी
घमासान
की
खबरों
पर
प्रदेश
के
कांग्रेस
प्रभारी
राजीव
शुक्ला
ने
सफाई
दी
है।
बैठकों
का
कोई
दौर
नहीं
चल
रहा
है-
राजीव
शुक्ला
कांग्रेस
नेता
राजीव
शुक्ला
ने
कहा
है
कि,
'बैठकों
का
कोई
दौर
नहीं
चल
रहा
है।
सब
(कांग्रेस
एमएलए)
रास्ते
में
हैं
और
विधायक
दल
की
बैठक
के
लिए
उनके
पहुंचने
का
इंतजार
चल
रहा
है,
जिसमें
एक
प्रस्ताव
पास
किया
जाएगा
और
आखिरी
फैसला
पार्टी
हाई
कमान
के
द्वारा
लिया
जाएगा।'
उधर
ज्वालामुखी
से
कांग्रेस
विधायक
संजय
रतन
ने
कहा
है
कि
'कांग्रेस
में
कोई
अलग-अलग
ग्रुप
नहीं
है।
विधायक
दल
की
बैठक
में
मुख्यमंत्री
तय
होगा।
पार्टी
हाई
कमान
अंतिम
निर्णय
लेगा।'
राज्य
में
कांग्रेस
को
40
सीटें
मिली
हैं,
जबकि
बीजेपी
को
25
सीटें
मिली
हैं।
3
पर
निर्दलीय
उम्मीदवार
जीते
हैं।
इसे भी पढ़ें-हिमाचल में बागियों ने इन 12 सीटों पर कांग्रेस-बीजेपी दोनों का ही खेल बिगाड़ा