कोटखाई मामले में आरोपी पुलिस वाले अभी जेल में ही रहेंगे, जैदी को सुप्रीम कोर्ट से भी मिली निराशा
शिमला।बहुचर्चित कोटखाई गैंगरेप मर्डर मामले के आरोपी सूरज की हवालात में मौत के मामले में पूर्व आई.जी जहूर जैदी व पूर्व एस.पी. डी.डब्ल्यू. नेगी सहित पुलिस कर्मियों की जुडिशियल कस्टडी एक बार फिर बढ़ गई है। सोमवार को जुडिशियल कस्टडी की अवधि पूरी होने पर सभी आरोपियों को शिमला की अदालत में पेश किया गया। इस दौरान कोर्ट ने आरोपियों को 17 मई तक जुडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया।
मिली जानकारी के मुताबिक आज अदालत में पूर्व डीएसपी मनोज जोशी पेश नहीं हो पाए। वे इन दिनों बीमार हैं और उनका आईजीएमसी शिमला में इलाज चल रहा है।उधर, सोमवार को ही हिमाचल प्रदेश के चर्चित कोटखाई गैंगरेप और मर्डर केस से जुड़े सूरज हत्याकांड में आरोपी हिमाचल पुलिस के पूर्व आईजी जैदी की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 23 मार्च को याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया था और 1 मई को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए थे। जनवरी में प्रदेश हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने पर जैदी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
गौरतलब है कि पूर्व आईजी जहूर एच जैदी और पूर्व डीएसपी मनोज जोशी सहित 8 पुलिस वालों को सीबीआई ने पि़छले वर्ष 29 अगस्त को गिरफ्तार किया था। वहीं, इसी मामले में शिमला के पूर्व एसपी डी डब्ल्यू नेगी 16 नबम्बर को गिरफ्तार किए गए थे।
ये
है
मामला
10वीं
की
छात्रा
गुडिय़ा
बीते
वर्ष
चार
जुलाई
2017
को
स्कूल
से
घर
लौटते
वक्त
लापता
हो
गई
थी।
छह
जुलाई
को
उसका
शव
कोटखाई
के
हलाइला
जंगल
से
बरामद
हुआ
था।
जांच
में
सामने
आया
कि
सामूहिक
दुष्कर्म
के
बाद
गुडिय़ा
की
निर्मम
हत्या
की
गई
थी।
इस
मामले
में
पुलिस
की
एसआईटी
ने
12
जुलाई
को
सूरज
सहित
छह
लोगों
को
गिरफ्तार
किया।
लेकिन
18
जुलाई
को
सूरज
की
कोटखाई
थाने
के
लॉकअप
में
मौत
हो
गई।
पुलिस
की
एसआईटी
पर
सूरज
की
हत्या
करने
के
आरोप
लगे
थे।