गुजरात: तौकते तूफान से 3850 गांव अंधेरे में, 2 लाख से ज्यादा पेड़ गिरे, आम की फसल 75% बर्बाद
अहमदाबाद। अरब सागर से पनपा चक्रवातीय तूफान "तौकते" अब निष्क्रिय हो चुका है। सोमवार और मंगलवार के दो दिनों तक इस तूफान ने गुजरात में बड़ा नुकसान पहुंचाया। 2 लाख से ज्यादा पेड़ धराशायी हो गए। 20 हजार से अधिक कच्चे घर ऐसे थे, जिन्हें नुकसान हुआ। हजारों एकड़ की फसलें भारी बारिश से जूझीं और अंधड़ ने खेती तबाह कर दी। आम की फसल 75% बर्बाद हो गई। वहीं, बिजली ठप होने से प्रदेश के 3850 गांवों में अंधेरा छा गया। बताया जा रहा है कि, चक्रवात की वजह से राज्यभर के 5958 गांवों में विद्युत आपूर्ति बाधित हुई।
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प्रभावित जिलों में नुकसान का सर्वेक्षण
प्रदेश की 96 तहसीलों में तूफान के चलते मूसलाधार मेघ बरसे। एक खबर के मुताबिक, 112 रास्ते आवागमन के लिए बंद पड़े हैं। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने घोषणा है की कि, अगले दो दिनों में जनजीवन सामान्य करने को लेकर काम चलेगा। उन्होंने कहा कि, बुधवार से प्रभावित जिलों में नुकसान का सर्वेक्षण किया जाएगा। जिसमें मकान, पशुपालन व मत्स्योद्योग के नुकसान का सर्वेक्षण भी शामिल है।
प्रभावित लोगों को आर्थिक मदद दी जाएगी
मुख्यमंत्री का कहना है कि, तौकते चक्रवात के पूर्वानुमान के बाद से ही सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए थे। इस कारण जान-माल की ज्यादा हानि नहीं हुई। उन्होंने कहा कि, चक्रवात से सर्वेक्षण के बाद प्रभावित लोगों को आर्थिक मदद दी जाएगी। युद्ध स्तर पर पुनर्वास, राहत कार्य आरंभ किया जाएगा। बता दिया जाए कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हवाई सर्वेक्षण करने गुजरात आ रहे हैं।
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ये जिले तौकते से ज्यादा प्रभावित हुए
गुजरात में तौकते का ज्यादा असर अमरेली, गिर-सोमनाथ, जूनागढ़, पोरबंदर, राजकोट, भावनगर व बोटाद जिलों पर पड़ा। सबसे अधिक मौतें सौराष्ट्र में ही हुईं। आधिकारिक रूप से 14 लोगों की जान चली गई।
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आम के अलावा ये फसलें भी बर्बाद हुईं
बेमौसम बारिश व चक्रवातीय तूफान के कारण प्रदेश में मूंगफली, बाजरा, मूंग, चीकू, पपीता, शरीफा जैसी फसलों को 50 से 100% तक नुकसान हुआ है।