मुख्यमंत्री गृह योजना: शहरी गरीबों-मध्यम वर्ग को घर का सपना पूरा करवा रही गुजरात सरकार
गांधीनगर: अपना घर हो, यह सपना हर किसी का होता है। कई लोग पूरी जिंदगी कड़ी मेहनत करके भी इस सपने को पूरा करने से वंचित रह जाते हैं। अगर बैंकों से लोन लेकर किसी तरह से घर बना भी लिया तो वह लोन चुकाने में पूरी उम्र गुजर जाती है। लेकिन, गुजरात सरकार गरीब,निम्न और मध्यम आय वर्ग के परिवारों को अपना घर दिलाने के लिए एक बहुत ही कल्याणकारी योजना चला रही है। इस योजना का नाम है 'मुख्यमंत्री गृह योजना'। गुजरात सरकार इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न-मध्यम आय वर्ग के परिवारों को बहुत कम ब्याज दरों पर आवास उपलब्ध करवाती है।
एक
लाख
से
ज्यादा
घर
आवंटित
और
उतने
ही
निर्माणाधीन
गुजरात
सरकार
की
ओर
से
यह
योजना
राज्य
में
शहरीकरण
के
प्रसार
को
देखते
हुए
वर्ष
2013
में
शुरू
की
गई
थी।
दरअसल,
शहरी
क्षेत्रों
में
संपत्ति
की
कीमतें
लगातार
आसमान
छूती
जा
रही
हैं।
ऐसे
में
खुद
की
आय
पर
आवास
बना
पाना
सामान्य
परिवारों
के
लिए
काफी
मुश्किल
है।
इसीलिए
राज्य
सरकार
बहुत
ही
रियायती
दर
पर
ऐसे
परिवारों
को
घर
उपलब्ध
करवा
रही
है।
गुजरात
सरकार
की
ओर
से
ऐसे
एक
लाख
से
अधिक
आवास
आवंटित
किए
हैं
और
करीब
एक
लाख
से
ज्यादा
घर
निर्माणाधीन
अवस्था
में
हैं।
कई
परिवारों
के
सपने
हो
रहे
साकार
गांधीनगर
के
निवासी
मिलन
चौहान
ने
कहा
कि
'मुख्यमंत्री
आवास
योजना
के
तहत
आवास
मिलने
से
हमारे
परिवार
का
घर
पाने
का
वर्षों
का
सपना
साकार
हो
गया
है।
सालों
तक
किराए
के
मकानों
और
झुग्गियों
में
रहने
के
बाद
आखिरकार
अपना
घर
मिल
ही
गया।'
कम्प्यूटरीकृत
ड्रॉ
प्रणाली
से
होता
है
आवंटन
शहरी
क्षेत्र
में
घर
पाने
के
लिए
आवश्यक
दस्तावेजों
के
साथ
एक
शुल्क
का
भुगतान
करना
होता
है
और
स्थानीय
प्राधिकरण
द्वारा
तय
की
हुई
राशि
जमा
करनी
होती
है।
लाभार्थियों
को
कम्प्यूटरीकृत
ड्रॉ
प्रणाली
के
माध्यम
से
आवास
आवंटित
किया
जाता
है।
प्रत्येक
परिवार
को
उनकी
आय
को
ध्यान
में
रखते
हुए
विभिन्न
श्रेणियों
के
अलग-अलग
आवास
आवंटित
किए
जाते
हैं।
झुग्गी
से
फ्लैट
में
शिफ्ट
हो
रहे
परिवार
इस
बारे
में
अहमदाबाद
के
मोतीभाई
सोलंकी
ने
कहा
कि
'हम
परिवार
सहित
20
साल
से
अधिक
समय
से
झुग्गी
में
रह
रहे
थे।
आखिरकार
आवास
योजना
के
तहत
एक
फ्लैट
मिल
गया
और
अब
अपने
परिवार
के
साथ
अपने
ही
घर
में
रह
रहे
हैं।'
55
हजार
नए
आवास
निर्माण
का
लक्ष्य
प्रदेश
के
मुख्यमंत्री
भूपेंद्र
पटेल
की
सरकार
भी
गरीब
और
मध्यम
वर्ग
के
लिए
आवास
उपलब्ध
कराने
के
उद्देश्य
से
लगातार
काम
कर
रही
है।
हाल
के
बजट
में
शहरी
क्षेत्रों
के
विकास
के
लिए
14
हजार
करोड़
रुपए
आवंटित
किए
गए
हैं।
इसमें
गरीब
परिवारों
को
ध्यान
में
रखकर
आवास
निर्माण
के
लिए
942
करोड़
रुपए
की
बड़ी
राशि
आवंटित
की
गई
है।
बजट
में
55
हजार
नए
आवास
निर्माण
का
लक्ष्य
रखा
गया
है,
ताकि
शहर
के
गरीब
और
मध्यम
वर्ग
को
अपना
आवास
मिल
सके।