Morbi bridge collapse: 1262 पेज की चार्जशीट दाखिल, आरोपियों में ओरेवा ग्रुप के MD जयसुख पटेल का भी नाम
गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी के पर बने सस्पेंशन ब्रिज ढहने से हुए हादसे में पिछले साल 134 लोगों की जान चली गई थी। मामले में 1,262 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई है।
Morbi bridge collapse: गुजरात के मोरबी ब्रिज हादसे में शुक्रवार को अदालत में चार्जशीट दाखिल गई। जिसमें चार्जशीट में जयसुख पटेल को भी आरोपी बनाया गया है। इससे पहले ओरेवा ग्रुप की ओर हादसे को लेकर मुआवजा देने की बात कही थी, जिस पर कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि मुआवजा देकर दण्ड से बचा नहीं जा सकता।
मोरबी ब्रिज हादसे में कोर्ट मे दाखिल चार्जशीट 1262 पेज की है। जिसमें ओरेवा ग्रुप के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल को भी आरोपी के तौर पर पेश किया गया है। मामले में इससे पहले 24 जनवरी को गुजरात की एक अदालत ने ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था।
न्यूज एजेंसी एएनआई को जानकारी देते हुए सरकारी वकील संजय वोरा ने बताया कि मामले में अभी तक कोई लुकआउट नोटिस जारी नहीं किया गया है। वहीं जयसुख पटेल (Jaysukh Patel) ने अपनी अग्रिम जमानत के लिए 20 जनवरी को मोरबी सेशन कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई 1 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी है।
मामले में अब तक अजंता मैन्युफैक्चरिंग (Oreva group) के चार कर्मचारियों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें ओरेवा समूह के दो प्रबंधक और इतनी ही संख्या में टिकट बुकिंग क्लर्क शामिल हैं जो ब्रिटिश युग के पुल का प्रबंधन कर रहे थे। हादसे को लेकर गुजरात उच्च न्यायालय ने 7 नवंबर को मोरबी दुर्घटना का स्वत: संज्ञान लिया, राज्य के गृह विभाग सहित अधिकारियों को नोटिस जारी किया और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी थी।
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गुजरात के मच्छु नदी पर सस्पेंशन ब्रिज (Morbi suspension bridge) का निर्माण ब्रिटिश काल में हुआ था। जिसके नवीनीकरण, मरम्मत और संचालन का ठेका अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) को मिला था। पिछले साल 30 अक्टूबर को ये पुल टूट गया था। जिस वक्त हादसा हुआ पुल पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।