Dholavira: गुजरात में अब 4 वर्ल्ड हैरिटेज साइट, खुशी जाहिर करते हुए CM रूपाणी ने कही ये बातें
कच्छ। गुजरात के कच्छ जिले में स्थित हड़प्पाकालीन नगर "धोलावीरा" को वर्ल्ड हैरिटेज का दर्जा दिए जाने पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने खुशी जताई। मुख्यमंत्री ने इसे पूरे गुजरात के लिए "गौरवशाली क्षण" बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि, यूनेस्को द्वारा "धोलावीरा" को वर्ल्ड हैरिटेज की सूची में शामिल करना हमारे लिए गौरव का पल है। उन्होंने कहा कि, इसी के साथ अब गुजरात से 4 स्थलों को वर्ल्ड हैरिटेज की लिस्ट में शामिल किया जा चुका है। वहीं, पूरे देश की बात करें तो भारत में अब 40 वर्ल्ड हैरिटेज साइट्स हो चुकी हैं।
Recommended Video
गुजरात
में
अब
4
वर्ल्ड
हैरिटेज
साइट
मुख्यमंत्री
विजय
रूपाणी
का
कहना
है
कि,
भारत
की
प्राचीन
विरासत
और
संस्कृति
को
विश्व
फलक
पर
लाने
में
प्रधानमंत्री
मोदी
की
भूमिका
अहम
है।
उनकी
प्रतिबद्धता
के
चलते
ही
धोलावीरा
को
विश्व
धरोहर
सूची
में
स्थान
मिला
है।
मुख्यमंत्री
के
मुताबिक,
धोलावीरा
से
पहले
वर्ष
2017
में
अहमदाबाद
को
भारत
का
पहला
विश्व
विरासत
शहर
घोषित
किया
गया
था।
वहीं,
उससे
भी
पहले
वर्ष
2014
में
पाटणं
स्थित
रानी
की
वाव
एवं
वर्ष
2004
में
वडोदरा
के
पास
चांपानेर-पावागढ़
के
किले
को
विश्व
विरासत
घोषित
किया
गया
था।
यूनेस्को की 44वीं मीटिंग में हुआ फैसला
"धोलावीरा" को वर्ल्ड हैरिटेज का दर्जा संयुक्ट राष्ट्र की संस्था यूनेस्को की मीटिंग में दिया गया। इसका निर्णय यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज कमेटी की 44वीं मीटिंग में लिया गया। कमेटी की यह मीटिंग चीन के फूझाऊ शहर में हुई थी। जहां कमेटी के मेंबर्स ने मंगलवार को इस बारे में घोषणा करते हुए कहा कि, हड़प्पाकालीन शहर धोलावीरा विश्व विरासत सूची में शामिल किया जाता है। भू-एक्सपर्ट्स ने माना कि, "धोलावीरा" करीब 5 हजार साल पहले से अस्तित्व में है।
गौरतलब हो कि, धोलावीरा अब तक यूनेस्को की संभावित विश्व विरासत सूची में गिना जाता था। यह स्थल हड़प्पाकालीन सभ्यता की निशानी है। यह कच्छ के रण यानी नमक के रेगिस्तान में स्थित खडीर बेट द्वीप में पड़ता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारी कहते हैं कि, धोलावीरा लगभग 5000 वर्ष पहले श्रेष्ठ सुनियोजित नगर रचना की एक अनूठी मिसाल है। इसे एएसआई की ओर से वर्ष 1967-68 में खुदाई के दौरान खोजा गया था।
नर्मदा के उफान से इंच-इंच बढ़ रहा सरदार सरोवर डैम का जलस्तर, 40,000 टूरिस्ट्स देखने पहुंचे स्टैच्यू
एएसआई की 1967-68 में हुई खुदाई के दौरान धोलावीरा में प्राचीन हड़प्पा नगरी सभ्यता के अवशेष मिलने शुरू हुए। अधिकारी ने बताया कि, यह स्थल भुज से लगभग 200 किलोमीटर उत्तर में कर्क रेखा पर स्थित है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की ओर से यहां पर किए जा रहे पुरातत्व-शोध में पता चला कि, यह हड़प्पा के 5 बड़े स्थलों में शामिल है। इसे तब के सबसे बड़े शहरों में एक माना गया।