Cow Slaughter पर बोले गुजरात की अदालत के जज- गोवध बंद हो जाएं तो धरती की तमाम परेशानियां खत्म !
गुजरात में गोवध पर टिप्पणी करते हुए एक जिला जज ने कहा, गोबर से बने घरों में परमाणु विकिरण नहीं होता। गोमूत्र लाइलाज बीमारियों का इलाज है। गोवध बंद हो जाए तो धरती की तमाम समस्याएं दूर हो जाएंगी।
Cow Slaughter को देश की समस्याओं से जोड़ते हुए गुजरात की कोर्ट में एक न्यायाधीश ने टिप्पणी की। जज ने गो हत्या को जलवायु परिवर्तन से भी जोड़ा। उन्होंने कहा, पृथ्वी की समस्याएं हल हो जाएंगी अगर गो हत्या बंद हो जाए। अदालतों की कानूनी कार्यवाही पर रिपोर्ट्स देने वाली एक वेबसाइट के हवाले से एनडीटीवी ने एक खबर में कहा, गोवध पर टिप्पणी करते हुए तापी जिला अदालत के प्रधान जिला न्यायाधीश ने आदेश पारित किया।
गोबर से बने घर परमाणु विकिरण से प्रभावित नहीं
खबर के मुताबिक गुजरात की तापी जिला अदालत में जज समीर विनोदचंद्र व्यास ने मवेशियों को अवैध रूप से ले जाने के आरोप में एक व्यक्ति को उम्रकैद की सजा सुनाई। उन्होंने कहा कि "गाय के गोबर से बने घर परमाणु विकिरण से प्रभावित नहीं होते हैं" और गौमूत्र (गोमूत्र) का उपयोग "कई लाइलाज बीमारियों का इलाज" है।
गोमूत्र लाइलाज बीमारियों का इलाज
न्यायाधीश समीर विनोदचंद्र व्यास ने दावा किया, विज्ञान ने साबित कर दिया है कि गाय के गोबर से बने घर परमाणु विकिरण से प्रभावित नहीं होते हैं और गौमूत्र [गोमूत्र] का उपयोग कई लाइलाज बीमारियों का इलाज है।" हालांकि, न्यायाधीश ने टिप्पणी और दावों के समर्थन में फैसले में वैज्ञानिक आधार का जिक्र नहीं किया है।
जज ने कहा- गाय केवल जानवर नहीं, मां
इसी मामले में बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर, 2022 में पारित आदेश में इस बात पर भी असंतोष व्यक्त किया गया था कि गौ रक्षा से संबंधित सभी बातों को व्यवहार में नहीं लाया गया है। न्यायाधीश ने कहा, "गाय केवल एक जानवर नहीं बल्कि एक माँ है। एक गाय 68 करोड़ पवित्र स्थानों और 33 करोड़ देवताओं का जीवित ग्रह है। पूरे ब्रह्मांड पर एक गाय का दायित्व वर्णन से परे है।
गोहत्या के कारण जलवायु परिवर्तन
कोर्ट ने विभिन्न श्लोकों का जिक्र करते हुए आगे कहा कि "अगर गायों को दुखी रखा जाता है तो हमारी धन-संपत्ति गायब हो जाती है।" खबरों के मुताबिक तापी जिला न्यायाधीश ने गोहत्या को जलवायु परिवर्तन से भी जोड़ा। अदालत ने कहा, "आज जो समस्याएं हैं, वे बढ़ती चिड़चिड़ेपन और गर्म स्वभाव के कारण हैं। ऐसे परेशानियों के बढ़ने का एकमात्र कारण गायों का वध है। जब तक इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई जाती है, तब तक सात्विक जलवायु परिवर्तन का प्रभाव नहीं हो सकता है।"
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आजीवन कारावास और पांच लाख जुर्माने की सजा
जिस मामले में अदालत ने ये टिप्पणी की उसमें 16 से अधिक गायों के अवैध परिवहन के आरोप में एक व्यक्ति को पिछले साल अगस्त में ही गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने फैसले में शख्स को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के अलावा पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।