गुजरात में टूटे भाजपा की जीत के रिकॉर्ड, तो सुषमा स्वराज की बेटी ने ट्विटर पर लिखी ये बात
गुजरात में भाजपा को मिली ऐतिहासिक जीत पर खुश होते भापजा की दिग्गज दिवंगत नेता सुषमा स्वराज की वकील बेटी बांसुरी स्वराज ने ट्टीट पर खास मैसेज लिख कर भाजपा को इस प्रचंड जीत की बधाई दी।
गुजरात विधानसभा चुनाव 2002 में भारतीय जनता पार्टी को मिली ऐतिहासिक जीत पर दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी ने भाजपा की इस रिकार्ड तोड़ जीत पर बधाई देते हुए ट्टीट किया है।
सुप्रीम कोर्ट में वकील सुषमा स्वराज की बेटी बासुंरी स्वराज ने ट्टीट में पीएम मोदी समेत भाजपा के सभी वरिष्ठ नेताओं को टैग करते हुए ये ट्टीट किया। इसके साथ उन्होंने भाजपा का झंडे वाली एक फोटो भी अपने बधाई संदेश के साथ अटैच की।
बांसुरी स्वराज ने ट्टीट में लिखा गुजरात के विधानसभा चुनावों में BJP4India की ऐतिहासिक जीत पर गुजरात की जनता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गुजरात मुख्यमंत्री भूपेंन्द्र, गुजरात प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के अलावा गुजरात के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को अनंत बधाई।
बता देंगुजरात विधानसाा चुनाव 2002 में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी ने 127 सीटों पर जीत हासिल की थी, वहीं इस चुनाव में भाजपा ने वो भी रिकार्ड तोड़ दिया है।
चुनाव आयोग द्वारा गुरुवार को जारी किए गए चुनाव परिणाम के अनुसार बीजेपी ने गुजरात में 182 में से 156 सीटें जीतकर शानदार जीत दर्ज की है। मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पाटे 12 दिसंबर को दोपहर 2 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
BJP registers a landslide victory in Gujarat by winning 156 of the 182 seats, as per Election Commission.#GujaratElectionResult pic.twitter.com/ecJOVviIkB
— ANI (@ANI) December 8, 2022
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में भाजपा की ऐतिहासिक जीत पर कहा
हमारे पूर्वजों के पास अनुभव का अगाध ज्ञान था। हमारे यहां कहावत है, आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया, अगर यह वाला रवैया होगा तो क्या होगा, इसे पड़ोस मे देख रहे हैं। देश के हर राजनीतिक दल को यह याद रखना होगा कि चुनावी हथकंडो से किसी का भला नहीं हो सकता है। आज के जनादेश में एक और संदेश है कि समाज के बीच दूरियां बढ़ाकर, राष्ट्र के सामने नई चुनौतियां खड़ी करके अपना हित साधने की कोशिश करते हैं, उन्हें स्वीकार नहीं किया जाएगा। कभी भाषा, कभी रहन सहन, कभी खान-पान की सैकड़ों वजह हो सकती है, लेकिन जुड़ने के लिए यह धरती, यह हमारा भारत एक वजह काफी है।