ये है एशिया का सबसे बड़ा रोप-वे प्रोजेक्ट, अंबाजी पहुंचने के लिए अब नहीं चढ़नी पड़ेंगी 9999 सीढियां
अंबाजी धाम। गुजरात में एशिया के सबसे बड़े रोप-वे प्रोजेक्ट का काम चालू हो गया है। गिरनार की तलहटी से विश्व प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर तक सिग्नल केबल वर्क इंस्टॉलेशन हो रहा है। इस रोप-वे प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद गिरनार की तलहटी से अंबाजी तक की दूरी मात्र 7.5 मिनट में ही तय की जा सकेगी। एक और खास बात यह कि, लोगों को 9999 सीढियां नहीं चढ़नी पड़ेंगी और ऊंचाई से लोग गिरनार की सुन्दरता का लुत्फ भी उठा सकेंगे।
अभी चढ़नी पड़ती हैं 9999 सीढियां
मालूम हो कि, गिरनार की पहाड़ी से अंबाजी के मंदिर की दूरी 900 मीटर है। अंबाजी के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को पहाड़ी का उूंचा-नीचा व घुमावदार रास्ता नापना पड़ता है। जिसमें भी लगभग 10 हजार सीढ़ियां हैं। ऐसे में रोप-वे बनने से यह काफी सुविधाजनक हो जाएगा।
देश के 51 शक्ति पीठ में से एक है अंबाजी
बता दें कि, अंबाजी का देवस्थान देश के 51 शक्ति पीठ में से एक है। मंदिर परिसर में अंबाजी माता की प्रतिमा के दर्शन किए जाते हैं। साल में लगने वाले मेले के दौरान यहां 25 लाख से अधिक तीर्थयात्री आते थे। परिसर की देख-रेख गुजरात तीर्थ विकास बोर्ड द्वारा भी की जाती है। एलईडी स्क्रीन को चाचर चौक में प्रदर्शित किया जाता है, ताकि यात्रीगण बाहर से भी माता के दर्शन कर सकें।
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सोने से सुशोभित है मंदिर का गुंबद
अंबाजी मंदिर के गुंबद को सोने से सुशोभित किया गया है। अब गब्बर पर अंबाजी का मंदिर विकसित किया जाएगा। पदयात्रियों के लिये अंबाजी गब्बर पर जाती सीढ़ियों की मरम्मत भी की गई है। इस नवीनीकरण के लिए 15.67 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसके अलावा, रेस्तरां और प्रसाद घर के लिए 26.90 करोड़ की लागत से सुविधाएं हुईं।