पति का काम छूटा, भूखे मरने की नौबत थी तो खुद ई-रिक्शा चलाकर परिवार संभाल रहीं सुमन
पानीपत। हरियाणा में पानीपत के सिवाह गांव में किराए पर रहने वाली सुमन देवी के हौंसले के आगे कोई भी मुश्किल ढेर हो सकती है। कोरोना लॉकडाउन में सुमन के राजमिस्त्री पति चमनलाल का काम छूट गया था। ऐसे में परिवार पर मुसीबतें आ पड़ीं। कार्ड न होने के कारण डिपो से राशन नहीं मिला और प्रशासन की ओर से भी उन्हें खाद्य मुहैया नहीं कराया गया। उनकी तीन बेटी व दो बेटे खाने को बिलखने लगे। ऐसे में सुमन ने ही परिवार का पेट भरने की ठानी। लॉकडाउन के इन दिनों वह भरे दोपहरी में ई-रिक्शा चलाने लगीं।
वह ई-रिक्शा उसने किराए पर लिया और फिर प्रशासन की अनुमति ली। अब वह सुबह तीन बजे से सब्जी मंडी पहुंचकर सब्जी ढुलाई का काम करती हैं। ई-रिक्शा से काम का यह सिलसिला दोपहर तक चलता है। अब उनके यहां परेशानियां भी उतनी नहीं रह गईं।
सुमन बताती हैं कि, ''मेरा पहला पति अक्सर शराब पीकर मारपीट करता था। कई साल तक पति का यही व्यवहार रहा। बहुत समझाने पर नहीं तो उसे तलाक दे दिया। उसके बाद चमनलाल से दूसरी शादी कर ली।' दूसरे पति चमनलाल से उसके चार बच्चे हैं।
सुमन के पति चमनलाल ने कहा- 'सुमन ने किसी तरह जनवरी 2020 में रिक्शा चलाना सीखा था। अब वह अपने उसी अनुभव से हमारा पेट भर रही है। मेरे पास काम नहीं है, तो मैं घर पर रहता हूं। सुमन बस यह कहती है कि, बाहर न जाइएगा, लॉकडाउन फॉलो करिएगा।''