जन्म से दृष्टिहीन युवती को फोन पर दिल दे बैठा बिहार का युवक, शादी कर निभाया वादा
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रहने वाली एक युवती जन्म से ही दृष्टिहीन थी। बड़ी हुई तो मां-बाप को बेटी के विवाह की चिंता सताने लगी। युवती को भी नहीं लगता था कि उसके जीवन के इस अंधेरे में रोशनी देने के लिए कोई हमसफर मिलेगा। फिर एक दिन युवती के मोबाइल पर बिहार के नंबर से एक अनजान युवक का फोन आया। बातचीत शुरू हुई, हंसी-मजाक हुआ। इसके बाद बातचीत का दौर बढ़ता गया। दोस्ती हुई और ये दोस्ती कब प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला। युवती ने युवक को अपने दृष्टिहीन होने की बात भी बता दी, लेकिन युवक ने अपने कदम पीछे नहीं किए। युवक ने युवती से शादी करने का फैसला किया और गोरखपुर आकर युवती को हमेशा के लिए अपना लिया। बेटे की शादी होने पर मां-बाप बेहद खुश हैं। वहीं, युवक के इस सराहनीय कार्य के लिए लोग उसकी जमकर प्रशंसा कर रहे हैं।
दिलचस्प है युवक-युवती की लव स्टोरी
दरअसल, बिहार के मोतिहारी जिले में रहने वाले सुजीत कुमार ने गोरखपुर की दोनों आंख से दृष्टिहीन युवती से शादी की है। सुजीत ने बताया कि अनजान नंबर से बातचीत के दौरान उन्हें कला की आवाज और व्यवहार भा गया, जिसके बाद उन्होंने शादी करने का फैसला लिया। सुजीत के मुताबिक, पिछले तीन साल से वह युवती से फोन पर बातचीत करते रहे। दोनों के प्यार के बारे में परिवार वालों को भी जानकारी हो गई। परिजनों की भी विवाह के लिए सहमति हो गई। इसके बाद उन्होंने युवती से शादी कर ली।
जन्म से ही दृष्टिहीन ही थी युवती, पिता ने कही ये बात
युवक ने दिव्यांग युवती से शादी कर एक सराहनीय कार्य किया है। युवती के पिता रामस्वारथ पासवान ने बताया कि जन्म से ही बेटी दृष्टिहीन थी। जब बड़ी हुई तो उसकी शादी को लेकर चिंता सताने लगी। इसी बीच बेटी को बिहार के सुजीत से प्यार हो गया। सुजीत बेटी के साथ विवाह करने को राजी हो गया। पिता ने कहा कि यह ईश्वर का आशीर्वाद है कि सुजीत जैसा दामाद उन्हें मिला। सुजीत के इस कदम की हर तरफ चर्चा हो रही है। लोग सुजीत की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
बरेली के युवक ने दृष्टिहीन प्रतिभा से की थी शादी
इससे पहले यूपी के बरेली में ऐसी ही एक कहानी सामने आई थी। पिछले साल 8 जून को यहां रहने वाले अनिल मौर्य ने दृष्टिहीन प्रतिभा से विवाह किया था। प्रतिभा शाक्य मूल रूप से कासगंज क्षेत्र की रहने वाली हैं। प्रतिभा ने बताया था कि जब वह 9वीं क्लास में थीं, तब उन्हें दिमागी बुखार आने से उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। काफी डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन रोशनी नहीं लौटी। प्रतिभा ने कहा था कि अब वे अनिल की आंखों से दुनिया देखेंगी।