गोरक्षपीठ ने धर्म, समाज और राष्ट्र की समस्याओं से पलायन न करने का स्थापित किया आदर्श-सीएम योगी
गोरखपुर दौरे के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 53वीं तथा राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 8वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह के अंतिम
गोरखपुर,15
सितंबर:
गोरखपुर
दौरे
के
दूसरे
दिन
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
ने
युगपुरुष
ब्रह्मलीन
महंत
दिग्विजयनाथ
की
53वीं
तथा
राष्ट्रसंत
ब्रह्मलीन
महंत
अवेद्यनाथ
की
8वीं
पुण्यतिथि
के
उपलक्ष्य
में
आयोजित
साप्ताहिक
श्रद्धांजलि
समारोह
के
अंतिम
दिन
बुधवार
हिस्सा
लिया।इस
दौरान
उन्होंने
महंत
अवेद्यनाथ
की
पुण्यतिथि
पर
श्रद्धासुमन
भी
अर्पित
किए।सीएम
योगी
गोरक्षपीठ
की
परंपरा
व
लोक
कल्याण
की
भावना
का
विस्तार
से
चर्चा
किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति समाज, राष्ट्र व धर्म की समस्याओं से पलायन की आज्ञा नहीं देती है। समाज, राष्ट्र व धर्म की समस्या को हमें अपनी खुद की समस्या मानना होगा। हमें खुद को हर चुनौती से निरंतर जूझने के लिए तैयार रखना होगा क्योंकि समस्याओं से पलायन करने वाले, उनसे मुंह मोड़ने वाले जनविश्वास खो देते हैं। पलायन करने वालों को वर्तमान और भावी पीढ़ी कभी माफ नहीं करती है। उन्होंने कहा कि गोरक्षपीठ के पूज्य आचर्यद्वय ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने धर्म, समाज और राष्ट्र की समस्याओं से पलायन न करने का आदर्श स्थापित किया। उनके मूल्यों, सामर्थ्य और साधना की सिद्धि का परिणाम आज गोरखपुर के विभिन्न विकल्पों के माध्यम से देखा जा सकता है। उन्होंने गोरक्षपीठ को सिर्फ पूजा पद्धति और साधना स्थली तक सीमित नहीं रखा, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा के विभिन्न आयामों से जोड़कर लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया।
सीएम
ने
कहाकि
गोरक्षपीठ
की
परंपरा
सनातन
धर्म
की
महत्वपूर्ण
कड़ी
है।
आश्रम
पद्धति
कैसे
संचालित
होनी
चाहिए,
समाज,
देश
और
धर्म
के
प्रति
हमारी
क्या
जिम्मेदारी
होनी
चाहिए,
इसका
मार्गदर्शन
इस
पीठ
ने
किया
है।
ऐसे
दौर
में
जब
बहुतायत
लोग
भौतिकता
के
पीछे
दौड़ते
हैं,
देशकाल
व
समाज
के
अनुरूप
कार्यक्रमों
से
जुड़कर
यह
पीठ
ब्रह्मलीन
महंत
दिग्विजयनाथ
व
ब्रह्मलीन
महंत
अवेद्यनाथ
द्वारा
स्थापित
आदर्शों
को
युगानुकूल
तरीके
से
आगे
बढ़ा
रही
है।
उन्होंने कहा कि जब देश पराधीन था तब यह धार्मिक पीठ सीमित संसाधनों से शिक्षा का अलख जगाने के अभियान से जुड़ती है। पूज्य संतों ने आजादी के आंदोलन को नेतृत्व दिया, उसने भागीदार बने और इस दिशा में गोरक्षपीठ की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। जब धर्म भी पराधीनता के दंश को झेल रहा था तो गोरक्षपीठ खुद को कैसे अलग रख सकती थी। सीएम योगी ने कहा कि आजादी का आंदोलन हो या आजादी मिलने के बाद राष्ट्र निर्माण के अभियान को गति देने की बात, गोरक्षपीठ ने महंत दिग्विजयनाथ व महंत अवेद्यनाथ के नेतृत्व में निरंतर प्रयास किया।
Gorakhpur:
गोरखनाथ
मंदिर
में
लगा
सीएम
योगी
का
जनता
दरबार,सैंकड़ों
ने
लगाई
फरियाद
सीएम
योगी
ने
कहा
कि
वर्तमान
समय
में
अपना
देश
आजादी
का
अमृत
महोत्सव
मना
रहा
है।
आजादी
के
शताब्दी
वर्ष
तक
हमारा
लक्ष्य
भारत
को
विकसित
एवं
दुनिया
की
महाताकत
बनाने
का
होना
चाहिए।
इस
लक्ष्य
की
प्राप्ति
के
लिए
हम
सभी
को
विगत
स्वाधीनता
दिवस
पर
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
द्वारा
दिए
गए
पंच
प्रणों
से
जुड़ना
होगा।
हमें
अपनी
विरासत
पर
गौरव
की
अनुभूति
करनी
होगी।
विकसित
भारत
बनाने
के
लिए
अपने
अपने
कार्य
क्षेत्र
के
कर्तव्यों
का
ईमानदारी
पूर्वक
निर्वहन
करना
होगा।
गुलामी
के
किसी
भी
अंग
को
स्वीकार
नहीं
करना
होगा।
हर
भारतीय
के
मन
में
अभाव
होना
चाहिए
कि
अपना
देश
व
धर्म
सुरक्षित
है।
यह
प्रसन्नता
की
बात
है
कि
देश
अच्छी
दिशा
में
आगे
बढ़
रहा
है।
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योगी
आदित्यनाथ
ने
कहा
कि
ब्रह्मलीन
महंतद्वय
का
व्यक्तित्व
एवं
कृतित्व
सदैव
प्रेरणादायी
है।
श्रीराम
मंदिर
आंदोलन
का
नेतृत्व
करने
के
साथ
ही
उन्होंने
गोरक्षा,
शिक्षा,
स्वास्थ्य
और
सेवा
के
विभिन्न
प्रकल्पों
को
प्रवाहमान
बनाया।
इस
अवसर
पर
सांसद,विधायक
सहित
भारी
संख्या
में
लोग
उपस्थित
रहे।