Gorakhpur News: सीएम सिटी गोरखपुर की सुधरेगी आबोहवा,सरकार ने उठाए यह कदम
सीएम सिटी गोरखपुर की आबोहवा सुधारने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। नान अटेनमेंट सिटी की श्रेणी में शामिल गोरखपुर की आबोहवा को सुधारने के लिए यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 10 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी है।
गोरखपुर,27अगस्त: सीएम सिटी गोरखपुर की आबोहवा सुधारने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। नान अटेनमेंट सिटी की श्रेणी में शामिल गोरखपुर की आबोहवा को सुधारने के लिए यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 10 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी है। बोर्ड की ओर से नगर निगम के खाते में मदद की पहली किस्त ट्रांसफर कर दी गई है। मानवीय क्रियाकलापों में वनोन्मूलन, कारखाने, परिवहन, ताप विद्युत गृह, कृषि कार्य, खनन, रासायनिक पदार्थ, अग्नि शस्त्रों का प्रयोग तथा आतिशबाजी द्वारा वायु प्रदूषण में वृद्धि हो रही है।22 राज्यों के 96 शहरों की नॉन अटेनमेंट सिटी में शामिल है गोरखपुर।
19
विभागों
को
मिली
जिम्मेदारी
उत्तर
प्रदेश
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड
के
सदस्य
सचिव
अजय
कुमार
शर्मा
ने
9.63
करोड़
रुपये
नगर
निगम
के
खाते
में
ट्रांसफर
किये
जाने
की
सूचना
नगर
आयुक्त
अविनाश
सिंह
को
पत्र
भेजकर
दी
है।
वायु
प्रदूषण
का
स्तर
सुधारने
का
जिम्मा
19
विभागों
के
प्रमुखों
को
सौंपा
गया
है।
इसमें
डीएम,
नगर
आयुक्त,
उपाध्यक्ष
जीडीए,
सीईओ
गीडा,
एसपी
ट्रैफिक,
आरटीओ,
मुख्य
अभियंता
पीडब्लूडी
और
सिंचाई,
उपायुक्त
जिला
उद्योग
केंद्र,
पीडी
जल
निगम,
जिला
कृषि
अधिकारी,
जिला
उद्यान
अधिकारी,
डीएसओ,
डीआईओएस,
पीडी
एनएचएआई,
पीडी
नेडा,
आरएम
राज्य
औद्योगिक
विकास
प्राधिकरण,
राज्य
आपदा
प्रबंध
प्राधिकरण,
क्षेत्रीय
अधिकारी
राज्य
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड
गोरखपुर,
डीएफओ
आदि
शामिल
हैं।
नान अटेनमेंट सिटी की सूची में शामिल है गोरखपुर गोरखपुर 22 राज्यों के 96 शहरों की नॉन अटेनमेंट सिटी में पहले से ही शामिल है। इन शहरों में पीएम-10 का स्तर तय मानक से अधिक मिला है। गर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि बीते वर्ष 9 नवम्बर को गोरखपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स रिकॉर्ड 398 दर्ज किया गया था। जिसके बाद नगर निगम द्वारा पेड़ पौधों पर पानी का छिड़काव कराया गया था। इसके साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर के काम में सुरक्षा के मानक का ख्याल रखे जाने का भी आदेश जारी हुआ था।वायु प्रदूषण की स्थिति को सुधारने के लिए नगर निगम के साथ अन्य विभागों द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं।
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वायु प्रदूषण क्या है? वायुमंडल की गैसों के विभिन्न घटकों की आदर्श स्थिति में रासायनिक रूप से होने वाला अवांछनीय परिवर्तन जो वातावरण/पर्यावरण को किसी-न-किसी रूप में दुष्प्रभावित करता है, उसे वायु प्रदूषण कहते हैं।
राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक देश के 15 से अधिक शहरों में वायु की गुणवत्ता तय मानक से काफी कम है। वहीं 'वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम' की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व के 20 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से 10 भारत के हैं।हवा में अवांछित गैसों की उपस्थिति से मनुष्य, पशुओं तथा पक्षियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे दमा, सर्दी, अंधापन, श्रवण शक्ति कमज़ोर होना, त्वचा रोग आदि बीमारियाँ पैदा होती हैं।