Nepal Plane crash: किसी का सिर मिला और किसी का जूता, जितना मिला उतना ही लेकर लौटे परिजन
नेपाल में हुए विमान हादसे में जान गंवाने वाले चारों युवकों के शव मंगलवार को गाजीपुर स्थित उनके गांव लाए गए। शव पहुंचते ही परिवार में मातम पसर गया। मरने वाले युवकों के परिजन उनका चेहरा तक नहीं देख पाए।
Nepal Plane crash में जान गंवाने वाले गाजीपुर निवासी चारों युवकों के शव मंगलवार को गाजीपुर पहुंचे। ताबूत में रखे शव गांव में पहुंचते ही मातम पसर गया। ताबूत में बंद शव देखकर मरने वाले लोगों के परिजन चीखने चिल्लाने लगे। मृतकों के परिजनों की हालत देखकर वहां पर मौजूद लोगों की आंखें भी नम हो गई। उसके बाद प्रशासनिक अधिकारी और ग्रामीणों की मौजूदगी में चारों मृतकों का अंतिम संस्कार गाजीपुर के गौसपुर गंगा घाट पर कराया गया।
पहचान चिन्ह के आधार पर हुई शिनाख्त
दरअसल, 15 जनवरी को पोखरा एयरपोर्ट के समीप यति एयरलाइंस का एक विमान क्रैश कर गया था। विमान क्रैश करने के बाद उसमें सवार सभी लोगों की मौत हो गई थी। विमान में गाजीपुर जिले के चक जैनब निवासी 28 वर्षीय सोनू जायसवाल और 28 वर्षीय अनिल राजभर, अलावलपुर निवासी 23 वर्षीय विशाल शर्मा और धरवां निवासी 25 वर्षीय अभिषेक कुशवाहा नामक चार दोस्त भी सवार थे। विमान हादसे के बाद चारों युवकों के परिवार में मातम पसर गया था। उसके बाद मृतकों के परिजन नेपाल में गए जहां विमान हादसे में मरने वालों के शवों को अस्पताल में रखा गया था।
दसवें दिन घर लाए गए शव
नेपाल में पहुंचने के बाद परिजन 9 दिनों तक मृतकों की पहचान करने में ही परेशान रहे। इस दौरान उनके परिजनों द्वारा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया गया और सरकार से मदद भी मांगी गई। परिजनों द्वारा बताया गया कि विमान हादसे में बुरी तरह जल जाने के चलते विमान में मरने वाले लोगों की बमुश्किल ही पहचान हो पा रही थी। काफी प्रयास के बाद किसी तरह अस्पताल में रखे शवों के बीच गाजीपुर निवासी परिजनों ने जूते तथा अन्य सामानों के आधार पर मृत युवकों की पहचान की। पहचान हो जाने के बाद उनके शव को ताबूत में रखकर एंबुलेंस से मंगलवार को गाजीपुर लाया गया।
चेहरा भी नहीं देख पाए परिजन
यह भी बताया जा रहा है कि जितना बॉडी पार्ट्स मिला उसी को ताबूत में भरकर लाया गया था ऐसे में मृतकों का चेहरा देखना मुश्किल था और ताबूत नहीं खोला गया। मंगलवार को गाजीपुर में अपने अपने गांव में जब मृतकों का शव पहुंचा तो चारों तरफ चीख-पुकार ही सुनाई दे रही थी। मृतकों के घर पर मौजूद रिश्तेदार और आस-पड़ोस के लोग उन्हें ढांढस बंधाते नजर आए। उसके बाद मृतकों के शव को गाजीपुर में स्थित गौसपुर गंगा घाट पर पहुंचाया गया जहां हिंदू रीति रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
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