अब मुख्तार अंसारी की पत्नी और बेटों समेत 12 पर केस दर्ज, जानें क्या है मामला?
गाजीपुर। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के सदर विधायक और बाहुबली मुख्तार अंसारी और उनके परिवार पर शिंकजा कसता जा रहा है। अब मुख्तार अंसारी की पत्नी और दो पुत्रों समेत 12 लोगों पर संगीन धाराओं में नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। दरअसल, गाजीपुर में जिला प्रशासन को जांच में गजल होटल के लिए भूखंडों की खरीद एवं बिक्री में अनियमितता सामने आई थी। मुख्तार अंसारी के परिवारवालों ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर मोहम्मदपुर पट्टी की जिस जमीन पर होटल बनवाया, वह बंजर भूमि के रूप में चिह्नित है। इस मामले में मुख्तार अंसारी की पत्नी आफ्सा अंसारी और उनके दो बेटों (अब्बास और उमर अंसारी) के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
भूखंडों की खरीद-बिक्री में नियमों का उल्लंघन
गाजीपुर जिले में सदर तहसील के अंतर्गत बनाए गए गजल होटल की जांच में भूखंडों की खरीद और बिक्री में नियमों का उल्लंघन पाया है। यह भूखंड रविंद्र, श्रीकांत और नंदलाल ने अनाधिकृत तरीके से 29 अप्रैल 2005 को मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के नाम कर दी थी। मुख्तार के दोनों बेटों के उस वक्त नाबालिग होने की सूरत में उसकी पत्नी आफ्सा अंसारी को संरक्षिका बनाते हुए जमीन अंसारियों को ट्रांसफर कर दी गई थी।
जमीन की खरीद-फरोख्त में ऐसे किया गया खेल
सदर एसडीएम प्रभाष कुमार के मुताबिक, गजल होटल की जांच में यह तथ्य प्रकाश में आया कि उपरोक्त भूखंडों की खरीद एवं बिक्री में अनियमितता की गई है। मौजा मुहम्मदपट्टी के राजस्व अभिलेखों में गाटा संख्या 98 रकबा 18-18 बीघा और गाटा संख्या 99 रकबा छह बीघा बंजर जमीन 14(3) की भूमि है। जबकि रवींद्रनाथ, श्रीकांत उपाध्याय और नंदलाल ने बिना किसी विधिक अधिकार एवं स्वामित्व के ही उक्त गाटा संख्या 98/2 रकबा पंजीकृत विक्रय विलेख बीते 29 अप्रैल वर्ष 2005 को मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी, उमर अंसारी एवं पत्नी अफसां अंसारी कस्बा यूसुफपुर मुहम्मदाबाद के पक्ष में निष्पादित कर दिया।
नामांतरण भी अवैध ढंग से करा लिया गया
इसी के साथ गाटा संख्या 98/2 रकबा एक बीघा और गाटा संख्या 99 रकबा छह बीघा भूमि पर नाम दर्ज न होने के बावजूद बिना किसी विधिक अधिकार एवं स्वामित्व के ही सैयद कैसर हुसैन, जफर अब्बास, सैयद सादिक हुसैन निवासी खुदाईपुर/नखास द्वारा पंजीकृत विक्रय विलेख 23 सितंबर वर्ष 2005 को अफसां अंसारी के पक्ष में निष्पादित कर दिया। 30 जून वर्ष 2005 को इसका नामांतरण भी अवैध ढंग से करा लिया गया। इसी तरह गाटा संख्या 100 रकबा खावा जमीन 15 (4) की भूमि है, जिस पर चंद्रसेन विश्वकर्मा द्वारा विधि विरुद्ध ढंग से 29 अगस्त वर्ष 2000 को अब्बास अंसारी एवं 29 अगस्त 2000 को ही गाटा संख्या 100 रकबा दो बीघा का विक्रय विलेख उमर अंसारी के पक्ष में निष्पादित कर दिया गया, जबकि उक्त दोनों विक्रय विलेख विधि विरुद्ध एवं शून्य थे। फिर भी उक्त क्रेतागण द्वारा नगर पालिका के असेसमेंट पंजिका में अपना नाम दर्ज करा लिया गया।
19 सितंबर को दर्ज किया गया केस
प्रभाष कुमार ने बताया कि उक्त विधि विरुद्ध प्रविष्टि के विरुद्ध बीते 19 सितंबर को रवींद्रनाथ शर्मा निवासी मौजा गोड़ी तहसील मुहम्मदाबाद, श्रीकांत उपाध्याय निवासी मौजा डेढ़गांवा, नंदलाल निवासी मौजा अरसदपुर, अब्बास अंसारी, उमर अंसारी, आफसां अंसारी, सैयद कैसर हुसैन, जफर अब्बास, सैयद सादिक हुसैन, शिवनाथ सिंह, चंद्रसेन विश्वकर्मा एवं मोतीलाल के विरुद्ध हल्का लेखपाल ने कोतवाली में विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
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