लोकसभा चुनाव लड़ने उतरे गुजरात में 573 प्रत्याशी, कांग्रेस के कुल उम्मीदवारों में 50% हारे हुए दुबारा मैदान में
Lok sabha elections 2019 News, गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में लोकसभा की 26 सीटों के लिए इस बार 573 नेताओं ने नामांकन पत्र भरा है। इन 573 प्रत्याशियों में 52 कांग्रेस-भाजपा से हैं, जबकि बाकी ज्यादातर निर्दलीय हैं। निर्दलीय प्रत्याशियों में 20 महिलाएं शामिल हैं।
पहले हार चुके 50% उम्मीदवारों को फिर चुनाव लड़ा रही कांग्रेस
इस बार कांग्रेस ने यहां अपने कुल 26 उम्मीदवारों में से 50% ऐसे लाई है, जो पिछले चुनाव में हार गए थे। यानी, हारे हुए नेताओं को फिर चुनाव लड़ाया जा रहा है। वहीं, राजनीतिज्ञ मानते हैं कि राज्य में लोकसभा टिकट नहीं मिलने की वजह से भाजपा की 10 और कांग्रेस की 12 सीटें प्रभावित हो सकती हैं, इसकी वजह है इ सीटों पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का नाराज होना। भाजपा ने अपने 26 उम्मीदवारों में 16 सांसदों को दुबारा चुनाव लड़ने का मौका दिया है, जबकि 10 सांसदों की जगह नए उम्मीदवार चुने हैं। अब वे 10 सांसद और उनके समर्थक भाजपा से नाराज चल रहे हैं। 26 उम्मीदवारों में भाजपा 4 विधायकों को लोकसभा चुनाव लड़ा रही है।
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शाह पहली बार लड़ रहे चुनाव तो प्रियंका भी प्रचार के लिए आ रहीं गुजरात
गुजरात में भाजपाध्यक्ष अमित शाह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने गांधीनगर सीट से नामांकन भरा, जहां से आडवाणी 5 बार सांसद चुने जा चुके हैं। इस बार गुजरात के चुनाव मैदान में शाह के अलावा मुख्य उम्मीदवारों में केंद्रीय मंत्री व दाहोद से सांसद जसवंत सिंह भाभोर, विधानसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के परेश धनानी और बाबू कटारा भी शामिल हैं, जो पहले भाजपा के खाते से लोकसभा चुनाव जीते थे, लेकिन इस बार वह कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, राजनीति में आने की घोषणा के बाद प्रियंका गांधी भी पहली बार गुजरात में कांग्रेस पार्टी के लिए प्रचार करने आ रही हैं।
..तो 13 विधानसभा सीटों के लिए लोकसभा चुनाव के बाद होगा उपचुनाव
गुजरात में सत्ताधारी भाजपा और कांग्रेस कुल 13 विधायकों को लोकसभा चुनाव लड़ा रही हैं। अगर ये जीतते हैं तो राज्य की 13 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव कराना पड़ेगा। चुनाव लड़ रहे ये 13 वो नेता हैं, जो 15 महीने में ही दूसरा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इससे पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा कांग्रेस से कुछ ही सीटों के अंतर से चुनाव जीतकर लगातार चौथी बार सत्ता पर काबिज हुई। अब कांग्रेस के पास 71 विधायक हैं, वहीं भाजपा के विधायकों की संख्या 100 है। कांग्रेस ने अपने 9 विधायकों को सांसद पद के लिए फिर चुनाव में उतारा है।