गुजरात में किसानों की आंखों से आंसू निकाल रहा प्याज, बिक रहा 55 पैसे किलो
Gandhinagar News,(गांधीनगर)। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2020 में किसानों की आय दोगुनी करना चाहते हैं लेकिन गुजरात में किसानों की आय ही नहीं हो रही है। गोंडल मार्केट यार्ड में एक किसान ने अपना प्याज 55 पैसे किलो के दाम पर बेचा है। जब की सब्जी मंडी में प्याज 20 से 30 रुपए किलो बिक रहे हैं। सब्जी मंडी में किसान की कोई भी सब्जी बिकने के लिए आती है वह तीन गुणा महंगी हो जाती है। ये बीच वाले लोग किसान और कस्टमर को लूट रहे हैं। केन्द्र की मोदी सरकार ने मिनिमम सपोर्ट प्राइज (एमएसपी) फिक्स कर दी है फिर भी गुजरात में ऐसा माहौल दिख रहा है।
प्याज के दाम का नहीं लगा सकते अंदाजा
गुजरात के गोंडल मार्केट यार्ड में धर्मेन्द्र नरसिंह भाई नामक एक किसान ने अपनी प्याज बेची है। आप अंदाजा नहीं लगा सकते की ये प्याज कितने रुपए में बिकी होगी। रुपए की बात छोड़िये, उन्होंने ये प्याज पैसे में बेची है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी लेकिन गुजरात में किसानों को मिल रहे दामों को मद्देनजर रखते हुए ऐसा लगता नहीं है कि यहां के किसानों को 2050 तक दोगुना दाम मिल सकेगा।
55 पैसे प्रति किलो बेचा प्याज
क्रिसमस के दिन, गोंडल यार्ड में एक किसान धर्मेन्द्र ने केवल 1974 रुपये में 3590 किलो प्याज बेचा। इसका मतलब है कि एक किलो प्याज में किसान ने 55 पैसे कमाया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने किसानों के लिए अलग मंडी खोल रखी है, जिसमे किसान बिना ऐजेंट के अपनी फसल डायरेक्ट कस्टमर्स को बेच सकता है, लेकिन एपीएमसी के नियमों का उल्लंघन होने की वजह से वो किसान अपनी फसल को डायरेक्ट बेचने से डरता है। गुजरात में जब खुल्ले बाजार में प्याज 30 रुपए किलो में बेचा जाता है, तब किसानों को केवल 55 पैसे मिलते हैं, तो सवाल यह उठता है कि क्या प्लाज किसानों के लिए सिर्फ आंसू ही लाता है और दलाल सब माल खा जाते हैं। कांग्रेस के सिनियर नेता अहमद पटेल ने किसानों की हालत के बारे में कहा है कि गुजरात के किसानो की हालत ठीक नहीं है।
किया गया था विरोध
कुछ दिन पहलें जामनगर जिले में किसानों को प्याज और लहसन के उचित मूल्य नहीं मिलने की वजह से किसान आगबबूला हो चुके थे। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पंचायत चौक पर लोगों को लहसन और प्याज मुफ्त में बांटे थे और जिला प्रशासन से मांग की थी कि सरकार किसानों को उत्पादन की अच्छी लागत दे। जामनगर में किसानों के प्याज का दाम घटकर 20 रुपए प्रति 20 किलो और लहसन का दाम 50 रुपया हो गया था। इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ताओ ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी।