गुजरात की पंचमहल लोकसभा सीट: जानिए पहले चुनाव से अब तक कौन-कौन जीते यहां
Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात में गोधरा लोकसभा सीट का नया अवतार पंचमहल लोकसभा सीट है।राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो यहां कांग्रेस के उम्मीदवार विजयी होते रहे हैं। 1952 से 1962 तक यह लोकसभा सीट नहीं थी। गोधरा सीट के रूप में यहां पहला चुनाव 1967 में हुआ था, उस समय स्वतंत्र पार्टी के उम्मीदवार पीलू मोदी जीते। फिर 1971 में भी पीलू मोदी ही जीते। 1977 में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री हितेन्द्र देसाई ने इस निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता। 1984 में कांग्रेस के जयदीपसिंह और 1989 में शांतिलाल पटेल ने चुनाव जीता।
1991 में यहां भाजपा के शीर्ष नेता व पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने चुनाव लड़ा और बड़े मार्जिन से जीते। 1996 में जनता दल से शांतिलाल पटेल जीते। 1998 में कांग्रेस से चुनाव जीते। 1999 में परिणाम उलटा हो गया और भाजपा के भूपेंद्रसिंह सोलंकी विजयी रहे। उन्होंने इस सीट से 2004 का लोकसभा चुनाव भी जीता था। इस चुनाव के बाद गोधरा सीट डिलिमिटेशन में चली गई और गोधरा के नये अवतार में पंचमहल सीट अस्तित्व में आई थी।
2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के प्रभातसिंह चौहान ने पंचमहल सीट से जीत दर्ज की। पारिवारिक विवादों में फंसे प्रभात सिंह चौहान को 2019 में पार्टी ने टिकट नहीं दिया।पार्टी सूत्रों का कहना है कि भले ही इस बार प्रभातसिंह नहीं हैं, लेकिन इस सीट को फिर भी भाजपा ही जीतने वाली है। कांग्रेस ने इस सीट से वीके खांट को उम्मीदवार बनाया है। वे इस क्षेत्र पर कांग्रेस के मजबूत उम्मीदवार माने जाते हैं।
2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने शंकरसिंह वाघेला को मैदान में उतारा था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। हालांकि, प्रभातसिंह को केवल 2081 वोट मिले। अगर बसपा का उम्मीदवार नहीं होता तो शंकरसिंह वाघेला इस सीट से जीत जाते, क्योंकि बसपा के उम्मीदवार ने 10,000 वोट लिए थे। 2014 में स्थिति बिल्कुल अलग हो गई थी। भाजपा के प्रभातसिंह ने 1.70 लाख मतों के मार्जिन से चुनाव जीता। उन्होंने कांग्रेस के रामसिंह परमार को हराया। आज रामसिंह परमार भी भाजपा में हैं और अमूल डेयरी के अध्यक्ष हैं। बता दें कि, पंचमहल लोकसभा क्षेत्र में 1,4 लाख से भी ज्यादा मतदाता हैं।
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