'चार-चार बगडी वाली गाडी..' सॉन्ग को गा सकेंगी किंजल दवे, गुजरात हाईकोर्ट ने रोक हटाई
Gujarat news, गांधीनगर। गुजराती सिंगर किंजल दवे अपना फेमस सॉन्ग "चार चार बंगडीवाली गाडी लइ दउ..." को अब फिर गा सकेंगी। हाईकोर्ट ने उन पर से पाबंदी हटा ली है। हाईकोर्ट ने कहा है कि वे कहीं भी सार्वजनिक कार्यक्रमों में ये गाना गा सकती हैं। बता दें कि, अहमदाबाद की वाणिज्यिक अदालत ने कॉपीराइट मुद्दे पर इस गीत के गायन पर रोक लगा दी थी। अब इसी स्टे को गुजरात की सर्वोच्च अदालत ने रद्द कर दिया है।
कॉपीराइट इशु के चलते लग गई थी रोक
बता दें कि, 'चार-चार बगडी वाली गाडी..' सॉन्ग को यूट्यूब पर 17 करोड़ लाइक्स मिल चुके थे। इसी बीच ओस्ट्रेलिया में रहने वाले काठीयावाडी किंग ने दावा कर दिया था कि ये गीत उसने 2013 में मेलबॉर्न सिटी में किंजल से पहले गाया था। किंजल ने उसके अधिकारों का हनन किया है। जिसके बाद अहमदाबाद के कोर्ट ने कहा कि किंजल अब ये पब्लिक में नहीं गा पाएंगी। यूट्यूब से भी वीडियो हटवाने के आदेश दे दिए गए थे।
गुजरात में तोड़ दिए थे इस गाने ने रिकॉर्ड
''चार चार बंगड़ी वाली ऑडी लाई दोउ...'' गीत ने गुजरात में अन्य सब गानों के रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। किंजल दवे द्वारा गाए गए इस गीत को यूट्यूब पर 17.33 करोड़ लाइक मिले। यह गीत सोशल मीडिया पर भी इस कदर छा गया था कि लोग अपने शादी-फंक्शनों के मौके के वीडियो अपलोड़ करने लगे। पार्टी में भी इसी गीत के डीजे का रिवाज शुरू हो गया था।
जानिए, कौन हैं सिंगर किंजल दवे, जिनके गाने ‘चार-चार बंगड़ी वाड़ी गाड़ी' पर हुआ कॉपीराइट केस?
अहमदाबाद की हैं किंजल दवे
किंजल दवे अहमदाबाद की जानी-मानी सिंगर हैं। ''ओडी गाडी...'' वाला गाना उनकी बड़ी पहचान बना है। मगर, अब अदालत ने आदेश जारी किया है कि किंजल अब ये गीत पब्लिक में नहीं गा सकेंगी और यूट्यूब से भी उनका गाना हटाना होगा। इस मामले पर अहमदाबाद की वाणिज्यिक अदालत ने 22 जनवरी को अगली सुनवाई तक व्यावसायिक कार्यक्रम में ये गीत नहीं गाने का अंतरिम आदेश भी जारी कर दिया है। इसके अलावा, इंटरनेट पर से इस गीत को हटाने और किसी को भी गीत न बेचने के भी आदेश दिए गए हैं।
इस किंग का है इस गाने पर दावा
ऑस्ट्रेलिया में काठियावाड़ी किंग के नाम से जाना जाने वाला युवक भी एक गुजराती ही है। उसने दावा किया है कि इस गीत को मैंने लिखा और गाया गया है। किंजल दवे ने तो कॉपी किया है, चोरी किया है। इस लेकर आवेदक की कंपनी ने कॉपीराइट कानून के तहत बताया था कि उसने जो गीत बनाया है, वह वर्ष 2016 में यूट्यूब पर अपलोड किया गया था। एक महीने के बाद ये गीत किंजल दवे द्वारा गाया गया। किंजल ने अक्टूबर में यूट्यूब पर अपना बनाकर ये सॉन्ग अपलोड किया था। अदालत ने इस गीत को इंटरनेट से हटाने का आदेश दिया। इसके अलावा, गाने की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया। हाईकोर्ट ने अब न सिर्फ किंजल को राहत दी, बल्कि इस गाने को सुनने वाले लोगों के लिए भी खुशखबरी दे दी है।