Mother's Day 2020: मां की ममता पर लिखे गए ये 20 बड़े शेर, अपनी मां को जरूर सुनाएं
नई दिल्ली। दुनियाभर में मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे (Mother's Day 2020) मनाया जाता है। इस साल ये खास दिन 10 मई को मनाया जा रहा है। मदर्स डे लोगों को अपनी भावनाओं को जाहिर करने का मौका देता है। इस साल कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन लगा हुआ है। जिस कारण आप अपनी मां को कहीं बाहर डिनर पर नहीं ले जा सकते। इस बार बाहर से तोहफा लाना भी थोड़ा मुश्किल होगा।
लेकिन आप घर पर रहकर भी अपनी मां के साथ मदर्स डे मना सकते हैं। आप मां को शायरी के जरिए मदर्स डे की बधाई दे सकते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही शेर बताने जा रहे हैं, जिन्हें सुनकर आपकी मां जरूर खुश हो जाएंगी। तो चलिए ऐसे ही दिल खुश कर देने वाले शेर पढ़ते हैं-
प्यार की दास्तान इतनी लंबी...
1.
स्याही
खत्म
हो
गई
'मां'
लिखते-लिखते
उसके
प्यार
की
दास्तान
इतनी
लंबी
थी
~
अज्ञात
2.
न
जाने
क्यों
आज
अपना
ही
घर
मुझे
अनजान
सा
लगता
है,
तेरे
जाने
के
बाद
ये
घर-घर
नहीं
खाली
मकान
सा
लगता
है
~
अज्ञात
3.
हालात
बुरे
थे
मगर
अमीर
बनाकर
रखती
थी,
हम
गरीब
थे,
ये
बस
हमारी
मां
जानती
थी...
~
मुनव्वर
राना
चिंता बढ़े मां सपने में आए...
4.
भारी
बोझ
पहाड़
सा
कुछ
हल्का
हो
जाए
जब
मेरी
चिंता
बढ़े
मां
सपने
में
आए
~
अखतर
नज्मी
5.
मेरी
ख्वाहिश
है
कि
मैं
फिर
से
फरिश्ता
हो
जाऊं
मां
से
इस
तरह
लिपट
जाऊं
कि
बच्चा
हो
जाऊं
~
मुनव्वर
राना
6.
इस
तरह
मेरे
गुनाहों
को
वो
धो
देती
है
मां
बहुत
गुस्से
में
होती
है
तो
रो
देती
है
~
मुनव्वर
राना
जन्नत तो नहीं देखी है मां देखी है...
7.
मैं
रोया
परदेस
में
भीगा
मां
का
प्यार
दुख
ने
दुख
से
बातें
की
बिन
चिट्ठी
बिन
तार
~
निदा
फाजली
8.
चलती
फिरती
हुई
आंखों
से
अजां
देखी
है
मैंने
जन्नत
तो
नहीं
देखी
है
मां
देखी
है
~
मुनव्वर
राना
9.
एक
मुद्दत
से
मेरी
मां
नहीं
सोई
'ताबिश'
मैंने
इक
बार
कहा
था
मुझे
डर
लगता
है
~
अब्बास
ताबिश
मां के पैरों में ही तो वो जन्नत है...
10.
कल
अपने-आप
को
देखा
था
मां
की
आंखों
में
ये
आईना
हमें
बूढ़ा
नहीं
बताता
है
~
मुनव्वर
राना
11.
मांगने
पर
जहां
पूरी
हर
मन्नत
होती
है
मां
के
पैरों
में
ही
तो
वो
जन्नत
होती
है
~
अज्ञात
12.
एक
दुनिया
है
जो
समझाने
से
भी
नहीं
समझती
एक
मां
थी
जो
बिन
बोले
सब
समझ
जाती
थी
~
अज्ञात
इक मां उबालती रही पत्थर तमाम रात...
13.
ऐ
रात
मुझे
मां
की
तरह
गोद
में
ले
ले
दिनभर
की
मशक्कत
से
बदन
टूट
रहा
है
~
तनवीर
सिप्रा
14.
इसलिए
चल
न
सका
कोई
भी
खंजर
मुझ
पर
मेरी
शह-रग
पे
मेरी
मां
की
दुआ
रखी
थी
~
नज़ीर
बाकरी
15.
बच्चे
फरेब
खा
के
चटाई
पे
सो
गए
इक
मां
उबालती
रही
पत्थर
तमाम
रात
~
अज्ञात
मुद्दतों बाद हमें नींद सुहानी आई...
16.
दूर
रहती
हैं
सदा
उनसे
बलाएं
साहिल
अपने
मां
बाप
की
जो
रोज़
दुआ
लेते
हैं
~
मोहम्मद
अली
साहिल
17.
मैंने
मां
का
लिबास
जब
पहना
मुझ
को
तितली
ने
अपने
रंग
दिए
~
फातिमा
हसन
18.
मुद्दतों
बाद
मयस्सर
हुआ
मां
का
आंचल
मुद्दतों
बाद
हमें
नींद
सुहानी
आई
~
इकबाल
अशहर
मेरी मां सजदे में रहती है...
19.
शहर
में
आ
कर
पढ़ने
वाले
भूल
गए
किसकी
मां
ने
कितना
जेवर
बेचा
था
~
असलम
कोलसरी
20.
ये
ऐसा
कर्ज़
है
जो
मैं
अदा
कर
ही
नहीं
सकता
मैं
जब
तक
घर
न
लौटूं
मेरी
मां
सजदे
में
रहती
है
~
मुनव्वर
राना
Mother's Day 2020: इस मदर्स डे को बनाएं खास, मां को दे सकते हैं ये तोहफे