'अर्थ' के लिए कुछ कीजिये वरना फेसबुक पर ही होगी लाइफ सेलिब्रेट
आंचल श्रीवास्तव
लखनऊ। 22 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस निकल गया। सभी ने इसे काफी अच्छे से इसे मनाया। कहीं वाट्सऐप पर तो कहीं फेसबुक ट्विटर और इन्स्टाग्राम पर, सेलिबेटिंग अर्थ डे शुक्रवार को बड़ा ही ट्रेंडिंग रहा। हर किसी के लम्बे चौड़े भाषण कहीं कोई राय तो कहीं कोई मशविरा,यकीन मानिये कल के सोशल मीडिया के रूप को देख कर लगा की हम सभी कितने समझदार हो गये है।
पृथ्वी दिवस से जुड़ी ये खास बातें, आपको जरूर जाननी चाहिये
आज का एक वाकया आपके सामने रखती हूँ। क्लास में पढाते समय मैंने बच्चों से कहा की भाई कल पृथ्वी दिवस पर अपने कुछ किया ; कोई ऐसा काम जो धरती के लिए सकारात्मक दिशा में जाता हो? तो बच्चे बोले हाँ हमने कल एसी नहीं चलाया। जवाब अजीब सा लगा पर मुझे यह ख्याल आया की हम अगर अपनी ओर से एक एक नन्हा सा कदम भी उठाते चलेंगे तो हज़ार करोड़ कदम तो जादुई बदलाव ला सकते हैं।
'अर्थ' के लिए कुछ कीजिये वरना फेसबुक पर ही होगी..
मसलन प्लास्टिक की थैली को इधर उधर न फेंक देना; जैविक कूड़े का सही ढंग से निस्तारण ; ब्रश करते समय नल खुला न छोड़ना; बेवजह कमरों में बल्ब और पंखे चलते रहना; बगल की दुकान जाने के लिए भी बाइक का इस्तेमाल ना करना, इन सब कामों को रोक कर हम अपने स्तर से पृथ्वी की काफी मदद कर सकते हैं।
चलिए पृथ्वी दिवस व धरती से सम्बन्धित कुछ आंकड़ों के विषय में आपको बताती हूँ-
-
हर
साल
पूरे
विश्व
में
पृथ्वी
दिवस
22
अप्रैल
को
मनाया
जाता
है।
-
पृथ्वी
दिवस
की
स्थापना
अमेरिकी
सीनेटर
जेराल्ड
नेल्सन
के
द्वारा
1970
में
एक
पर्यावरण
शिक्षा
के
रूप
में
की
गयी
थी।
-
हमारी
पृथ्वी
सौरमंडल
का
इकलौता
ग्रह
है,जहां
जीवन
जीने
की
अनुकूल
परिस्थितियां
विद्यमान
हैं।
-
पिछले
दो
दशकों
के
दौरान
अंटार्कटिक
और
उत्तरी
गोलार्द्ध
के
ग्लेशियरों
में
सबसे
ज्यादा
बर्फ
पिघली
है।
-
वर्तमान
में
समुद्र
के
जलस्तर
में
0.9
मीटर
की
औसत
बढ़ोतरी
हो
रही
है,जो
अब
तक
की
सबसे
अधिक
बढ़ोतरी
है।
-
ओजोन
परत
का
क्षय
अनवरत
जारी
है।
वर्तमान
में
पानी
के
लिए
हाहाकार
मचा
हुआ
है।
- संसार के कई भागों में सूखे की उत्पन्न स्थिति से भूजल स्तर घटा है और नतीजा यह है कि व्यक्ति को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो रहा।
फेसबुक पर ही सेलिब्रेट ना करने पड़ा जीवन?
समस्याएँ अपार है किन्तु अपनी ओर से लिया हुआ सभी का एक कदम अनवरत हमें एक सुरक्षित कल की तरफ अग्रसर कर सकता है। क्यूंकि यदि यही चलता रहा तो हम अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए एक भयानक काला कल छोड़ कर जाएंगे। ऐसी दूषित हवा दे कर जाएंगे जिनमे उनका सांस लेना भी मुश्किल होगा। हमें अपने बच्चों को सुरक्षित कल देने के लिए ये छोटे कदम अभी से उठाने ज़रूरी है वरना कल जीवन भी हम फेसबुक पर ही सेलिब्रेट करते नज़र आयेंगे।