यूनीसेफ से सीखिए जीका वायरस की पूरी ABCD
न्यूयॉर्क। ब्राजील से शुरू हुआ खतरनाक जीका वायरस अब तक 30 देशों तक पहुंच चुका है। जीाक वायरस का सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर देखा जा रहा है। इसकी वजह से उनके बच्चे छोटे सिर वाले पैदा हो रहे हैं। हालांकि अभी तक वैज्ञानिक जीका और खतरनाक बीमारी माइक्रोसेफ्ली में कोई भी कनेक्शन नहीं तलाश पाए हैं।
जीका के लिए यूनीसेफ का अहम कदम
माइक्रोसेफ्ली सबसे बड़ी चुनौती
फिर भी जीका की वजह से यह बीमारी एक चुनौती में तब्दील हो गई है। इस बीमारी में बच्चे का जन्म छोटे सिर के साथ होता है और उनके मस्तिष्क का विकास भी रुक जाता है।
यूनीसेफ भी हमेशा की तरह इस बार भी इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए आगे आया है।
भारत ने किया है जीका की वैक्सीन डेवलप करने का दावा
यूनीसेफ के मुताबिक वह जीका वायरस को सीमित करने और बच्चों के साथ ही परिवारों पर इसका प्रभाव कम करने के उपायों पर काम कर रहा है।
जीका से निबटने के लिए भारत की तैयारिंया
लोगों की मदद को तैयार यूनीसेफ
यूनीसेफ की वेबसाइट पर जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक सरकार के साथ मिलकर यह संस्था लोगों को बता रही है कि कैसे वह इस वायरस से बच सकते हैं।
इसके साथ ही यूनीसेफ ने इस वायरस से लड़ाई के लिए करीब 14 मिलियन डॉलर के फंड की बात कही है जिसे प्रभावित देशों में मौजूद करीब 200 मिलियन लोगों को पहुंचाया जाएगा।