पूर्व सपा विधायक उर्मिला राजपूत भूमाफिया घोषित, वक्फ की सवा तीन करोड़ की जमीन हथियाने का आरोप
फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद डीएम मानवेंद्र सिंह ने फर्जी वसीयत के आधार पर वक्फ संपत्ति हड़पने के मामले में सपा नेता और पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत को भूमाफिया घोषित किया है। डीएम ने उर्मिला राजपूत के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं। डीएम को सर्वोदय नगर निवासी नाहर सिंह ने पत्र लिखकर शिकायत की थी कि नूरपूर में वक्फ नवाब मेहंदी अली की 3.65 एकड़ भूमि के अवैध दस्तावेज तैयार कर उसे बेच दिया गया है। इस मामले की जांच में फर्जीवाड़े का पता चला जिसके बाद सपा नेता के खिलाफ एक्शन लिया गया है।
एसडीएम सदर ने शिकायती पत्र की जांच में पाया कि हेराफरी कर जमीन के दस्तावेज में वक्फ नवाब मेहंदी अली का नाम हटाकर सफदर अली कर दिया गया। उस समय के सदर तहसीलदार ने फर्जी वसीयत के आधार पर उस जमीन के कागज में सफदर अली के नाम को हटाकर उसमें अजादार जैदी का नाम दर्ज कर लिया। फर्जी कागज की वजह से कानूनी दृष्टिकोण से इसकी कोई अहमियत नहीं थी। एक और फर्जी वसीयत के आधार पर इस जमीन को सपा नेता और पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत के नाम कर दिया गया। डीएम ने अपने आदेश में कहा कि संदिग्ध दस्तावेजों के आधार पर तहसीलदार सदर ने जो कार्रवाई की, वह न्यायिक दृष्टि से अनुचित है।
डीएम ने करीब 3.30 करोड़ मूल्य की जमीन को दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर कब्जाने के मामले में सपा नेता उर्मिला राजपूत को भूमाफिया घोषित कर दिया। डीएम ने फर्जी दस्तावेजों को निरस्त कर विवादित जमीन को फिर से वक्फ संपत्ति के तौर पर दर्ज करने का आदेश दिया और इस मामले में उर्मिला राजपूत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा। पूरे मामले की जांच के लिए डीएम ने एक कमेटी का गठन कर दिया है। डीएम ने बताया कि इसी तरह से वक्फ की कुछ और जमीनों पर भूमाफिया ने फर्जीवाड़ा कर कब्जा किया है। इसकी जांच के लिए तीन सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया है। डीएम की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में एसडीएम सदर और एसडीएम कायमगंज हैं। मामले की जांच कर एक हफ्ते में यह कमेटी रिपोर्ट पेश करेगी।
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