Durg: सड़क दुर्घटना में छात्रा की मौत, पुलिस ने ग्रामीणों पर बरसाई लाठियां, NH 53 पर 4 सालो में हुई 132 मौतें
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में दुर्ग से लेकर कुम्हारी तक नेशनल हाईवे पर बन रहा फ्लाईओवर अब "हादसों का फ्लाईओवर" साबित हो रहा है। इस फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है।
दुर्ग, 19 अगस्त। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में दुर्ग से लेकर कुम्हारी तक नेशनल हाईवे पर बन रहा फ्लाईओवर अब "हादसों का फ्लाईओवर" साबित हो रहा है। इस फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। जिले में लगातार बढ़ते सड़क हादसे ने पुलिस की यातायात व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कल दुर्ग के नेशनल हाईवे पर ग्राम उरला की 9वीं की छात्रा खुशी की एक मिक्सर मशीन की चपेट में आने से मौत के ग्रामीणों ने नेशनल हाइवे जाम कर पीड़ित परिवार को मुआवजे की मांग की। उसके बदले में देर रात पुलिस ने गांव में घुसकर ग्रामीणों पर जमकर लाठियां बरसाई जिसका वीडियो भी वायरल हुआ है।
दरअसल कल ग्राम उरला से अपनी साइकिल पर जंगगिरी शासकीय स्कूल में पढ़ने जा रही खुशी साहू की एक कांक्रीट मिक्सर मशीन की चपेट में आने से मौत हो गई। यह गाड़ी नेशनल हाईवे निर्माण कार्य में लगे एजेंसी की बताई जा रही है। जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने लगभग 9 घंटे तक NH-53 जाम कर पीड़ित परिवार को 50 लाख मुआवजे की मांग की एवं उरला चौक के पास ट्रैफिक सिग्नल लगाने व यातायात पुलिस तैनात करने की मांग कर रहे थे। लेकिन घंटों बाद भी घटनास्थल पर किसी जनप्रतिनिधि या अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए। जब देर शाम जिला प्रशासन व पुलिस अधिकारी मौके पर मान मनौवल के लिए पहुंचे, तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ। इस घटना के बाद शुक्रवार को पीएम के बाद छात्रा खुशी का शव परिजनों को सौंप दिया गया। जिसके बाद परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार किया। खुशी की मौत के बाद परिवार में मातम पसरा है।
चार
सालों
में
132
लोगों
की
मौत
भिलाई
से
गुजरने
वाली
कलकत्ता-
मुम्बई
नेशनल
हाइवे
53
पर
दुर्ग
से
लेकर
कुम्हारी
तक
चार
फ्लाईओवर
का
निर्माण
किया
जा
रहा
है।
कोरोना
के
कारण
फ्लाईओव्हर
का
निर्माण
में
एक
साल
की
देरी
हो
चुकी
है।
इस
फ्लाईओवर
को
लेकर
जगह-जगह
गड्ढे
किए
गए
हैं।
जिससे
दुर्ग
से
लेकर
कुम्हारी
तक
यातायात
पूरी
तरह
से
बाधित
है।
हादसों
की
अगर
बात
करें
तो
4
सालों
में
500
से
भी
अधिक
सड़क
हादसे
हो
चुके
हैं।
इन
हादसों
में
लगभग
132
लोगों
की
जान
जा
चुकी
है।
तो
वहीं
100
लोग
गम्भीर
रूप
से
घायल
हुए
हैं।
पूर्व
सैनिक
व
पार्षद
पर
चलाई
लाठी
ग्रामीण
भी
इस
घटना
के
बाद
से
काफी
नाराज
हैं।
इस
घटना
के
बाद
जब
ग्रामीणों
और
अधिकारियों
के
बीच
चर्चा
खत्म
हो
गई
तब
पुलिस
ने
देर
रात
उरला
पहुंचकर
ग्रामीणों
पर
लाठियां
भांजनी
शुरू
कर
दी।
बेटी
के
मौत
से
गम
में
डूबे
परिवार
का
कहना
है
कि
उनकी
बेटी
की
हादसे
में
मौत
हो
गई।
मुआवजा
की
मांग
की
गई
तो
पुलिस
ने
गांव
में
आकर
ग्रामीणों
को
लाठियों
से
पीटा
है।
ग्रामीणों
का
कहना
है
कि
उरला
दुर्ग
में
इस
घटना
के
बाद
कोई
जनप्रतिनिधी
यहां
मिलने
तक
नही
पहुँचे।
देर
रात
पुलिस
ने
भूतपूर्व
सैनिक
रोमनाथ
वर्मा
और
उरला
के
पार्षद
को
भी
लाठियों
से
पीटा,
पुलिस
की
मार
से
घायल
गिरवर
साहू
को
अस्पताल
में
भर्ती
कराया
गया।
सांसद
ने
की
जांच
की
मांग,
इस
घटना
की
जानकारी
मिलने
के
बाद
सांसद
विजय
बघेल
ने
पुलिस
की
कार्रवाई
को
गलत
बताया
है।
दुर्ग
सांसद
विजय
बघेल
ने
कहा
है
कि
उन्होंने
दुर्ग
एसपी
अभिषेक
पल्लव
से
इस
संबंध
में
चर्चा
की
है।
एसपी
ने
बताया
कि
वह
लोग
मृतक
के
परिजनों
घर
एक
लाख
रुपए
नगद
व
4
लाख
का
चेक
देने
गए
थे।
वहां
लोगों
ने
उनके
ऊपर
पत्थर
फेंकने
शुरू
कर
दिए।
इसलिए
खुद
के
बचाव
के
लिए
लाठी
चलाकर
उन्हें
डराया
गया
है।
सांसद
ने
यह
भी
कहा
कि
सच्चाई
यही
है
कि
पुलिस
ने
गांव
में
लोगों
को
डंडों
से
पीटा
है।
इस
मामले
की
जांच
होनी
चाहिए।
इसके
लिए
जो
भी
दोषी
हैं,
उसके
खिलाफ
नियमानुसार
कार्रवाई
होनी
चाहिए।
इस
तरह
लाठी-डंडे
से
मारना
पूरी
तरह
से
गलत
है।