Durg: DGP जुनेजा ने माना अपराधों के बदलते तरीके पुलिस के लिए चुनौती, नक्सल प्रभावित जिलों में बनेंगे कैम्प
दुर्ग, 15 सितम्बर। छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा आज दुर्ज जिले के दौरे पर रहे। डीजीपी जुनेजा ने दुर्ग के कंट्रोल रूम में संभाग के सभी ज़िलों के अपराधों की समीक्षा बैठक ली। लगातार चार घण्टे चली इस मैराथन बैठक में डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों का रिपोर्ट कार्ड चेक किया। इस बैठक के दौरान पुलिस महानिदेशक ने अच्छे कार्यों के लिए पुलिस अधीक्षकों की पीठ थपथपाई। तो कुछ जिलों में कानून व्यवस्था पर नाराजगी भी जाहिर की। संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को अपने जिलों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए।
छत्तीसगढ़ पुलिस के डीजीपी बनने के बाद अशोक जुनेजा पहली बार दुर्ग संभाग की समीक्षा बैठक लेने दुर्ग पहुंचे थे। इसके साथ ही अब प्रदेश के सभी संभागों में समीक्षा बैठक की शुरुआत हो गई है। इस बैठक में डीजीपी ने जिलों में होने वाले विभिन्न प्रकार के अपराधों और कानून व्यवस्था पर चर्चा करने के साथ ही कम्युनिटी और बेसिक पुलिसिंग पर जोर देने के निर्देश दिए। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में सामूहिक अपराधों पर लगाम लगाने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान डीजीपी ने इन विषयों पर किया फोकस
इस बैठक में डीजीपी ने सभी जिले के पुलिस कप्तानों से क्राइम को रोकने और क्राइम के बढऩे के कारण पूछे। डीजीपी ने बैठक में अपराधों की समीक्षा के साथ साथ कम्युनिटी पुलिसिंग यातायात व्यवस्था, वीआईपी सुरक्षा, कानून व्यवस्था, संगठित अपराध, लगातार बदलते क्राइम के तरीके, साइबर क्राइम और क्रिप्टो करेंसी जैसे मामलों पर फोकस किया। डीजीपी ने कहा कि जब इन विषयों पर अपराध होने पर इसे तुरंत विवेचना में लिया जाना चाहिए। इसके साथ उन्होंने कहा कि इस बैठक के माध्यम से दुर्ग संभाग के सभी जिलों में होने वाले नए प्रकार के अपराधों के लिए नई रणनीति बनाई गई है।
नक्सल
प्रभावित
नए
जिलों
में
बढाए
जाएंगे
कैम्प
इस
समीक्षा
बैठक
में
दुर्ग
संभाग
के
अंतर्गत
आने
वाले
2
नए
जिले
खैरागढ़
छुई
खदान
गंडई
और
मानपुर
मोहला
चौकी
के
पुलिस
अधिकारी
भी
मीटिंग
में
मौजूद
रहे।
जहां
उनसे
नए
जिलों
की
क्राइम
रेट
और
क्राइम
कंट्रोल
की
जानकारी
ली
गई।
पत्रकारों
से
चर्चा
के
दौरान
पुलिस
महानिदेशक
अशोक
जुनेजा
ने
नए
जिलों
में
लोगों
की
सुरक्षा
को
लेकर
कहा
कि
नक्सल
प्रभावित
क्षेत्रों
में
अब
पुलिस
अपने
नए
कैंप
स्थापित
करेगी।
जिस
के
नक्सल
वारदातों
को
कम
किया
जा
सकेगा।
अपराधों
की
बदलती
प्रकृति
पुलिस
के
लिए
चुनौती
डीजीपी
ने
कहा
कि
अपराध
भी
मौषम
की
तरह
होते
हैं।
मानसून
में
अलग
और
गर्मी
में
अलग-अलग
तरह
के
अपराध
होते
हैं
डीजीपी
बनने
के
बाद
अशोक
जुनेजा
ने
आज
पुलिस
के
सामने
चुनौतियों
पर
चर्चा
करते
हुए
कहा
की
अपराध
एक
डायनेमिक
चीज
है,
और
हमेशा
बदलती
रहती
है।
उन्होंने
उदाहरण
देते
हुए
कहा
कि
मैं
जब
एसपी
था
तब
उस
समय
में
क्रिप्टोकैरेंसी
और
साइबर
क्राइम
के
मामले
नही
थे।
आज
इन
मामलों
में
वृद्धि
हुई
है
जिस
तरह
राजनांदगांव
में
अतिरिक्त
पुलिस
अधीक्षक
के
माध्यम
से
क्रिप्टोकरेंसी
का
एक
अपराध
समाने
लाया
गया
है।
जो
हमारे
लिए
केस
स्टडी
का
विषय
बन
गया
है।
डीजीपी
ने
कहा
कि
हम
पुलिस
को
नए
चैलेंजेस
के
लिए
तैयार
कर
रहें
हैं।
ताकि
आने
वाले
समय
में
हम
इसे
हैंडल
कर
सकें।
Chhattisgarh: नक्सलवाद को खत्म करने पुलिस की पहल, बंदूक की गोली का जवाब, शिक्षा की बोली से
नक्सलियों
के
कब्जे
वाले
इलाकों
में
पहुंची
पुलिस
डीजीपी
ने
नक्सलियों
के
बैकफुट
पर
जाने
और
वारदातों
की
संख्या
में
कमी
होने
के
सवाल
पर
कहा
कि
छत्तीसगढ़
की
पुलिसिंग
और
केंद्रीय
सुरक्षा
बलों
की
सहायता
से
कई
नक्सल
ऑपरेशन
चलाकर
काफी
हद
तक
नक्सलियों
के
कब्जे
वाले
कोर
एरिया
तक
पहुंचने
में
पुलिस
को
सफलता
मिली
है।
और
उस
सफलता
के
साथ
साथ
घोर
नक्सल
प्रभावित
क्षेत्रों
में
नए
कैम्प
लगाए
गए
हैं।
वहां
से
हम
पुलिस
विभाग
के
माध्यम
से
आम
जनता
को
सेवा
दे
रहें
हैं,
औऱ
जनता
का
विश्वाश
हासिल
करने
में
सफल
हुए
हैं।
जिससे
नक्सली
बैकफुट
पर
हैं।
सात
जिलों
के
एसपी
और
एडिशनल
एसपी
रहे
मौजूद
इस
बैठक
में
दुर्ग
संभाग
के
सात
जिले,
दुर्ग,
राजनांदगांव,
खैरागढ़,
मानपुर-मोहला,
बालोद,
कवर्धा
और
बेमेतरा
के
एसपी
,
एडिशनल
एसपी,
एसडीओपी
सहित
आईजी
बीएन
मीणा
उपस्थित
रहे।
इस
बैठक
में
पुलिस
के
आला
अधिकारियों
ने
अपनी
रिपोर्ट
कार्ड
डीजीपी
को
सौंपा
है।इस
मीटिंग
में
दुर्ग
संभाग
के
आईजी
सहित
रायपुर
के
वरिष्ठ
पुलिस
अधिकारी
भी
मौजूद
रहे।
इन
सभी
जिलों
में
क्राइम
के
ग्राफ
और
अपराधों
की
समीक्षा
करने
पहुंचे
डीजीपी
ने
कई
जिलों
के
एसपी
के
अच्छे
कार्यों
पर
पीठ
थपथपाई।
तो
कुछ
जिलों
के
एसपी
को
स्थिति
सुधारने
के
निर्देश
दिए
हैं।