Delhi Air Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- 'एक्ट ऑफ गॉड' ने दिल्ली के प्रदूषण को कम किया, लेकिन कब तक?
'एक्ट ऑफ गॉड' ने दिल्ली के प्रदूषण को कम करने में योगदान दिया, लेकिन कब तक,
नई दिल्ली, 24 नवंबर। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीते 22 दिनों से लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। दिवाली के बाद से ही यहां की हवा 'बेहद खराब' से 'खराब श्रेणी' में है जिसमें लाख कोशिशों के बाद से भी कोई सुधार नहीं आया है। वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी सख्त है, आज फिर इस मामले पर न्यायालय में सुनवाई हो रही है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए वायु प्रदूषण से निपटने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
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जिस समय सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, उस दिन भी दिल्ली में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 209 रिकॉर्ड किया गया, हालांकि ये मंगलवार के मुकाबले थोड़ा कम है। मंगलवार सुबह AQI 315 दर्ज किया गया था। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र की तरफ से बताया गया कि निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध नहीं बढ़ाया जाएगा। दिल्ली-NCR में फैले प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि मौसम जब गंभीर होता है तब उपाए किए जाते हैं। वह वायु प्रदूषण मामले को बंद नहीं करेगा और अंतिम आदेश नहीं देगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए वह इस मामले की सुनवाई करता रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर तेज हवाओं की वजह से हुआ है लेकिन कब तक इसके भरोसे रहेंगे?
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सुप्रीम कोर्ट दिल्ली-NCR में फैले प्रदूषण के मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 2-3 दिनों तक वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपायों को जारी रखने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि अगर प्रदूषण का स्तर 100 हो जाता है, तो कुछ प्रतिबंध हटाए जा सकते हैं। इस बीच याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस साल एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में चुनाव के कारण किसानों को खुश करने के लिए जुर्माना नहीं लगाया जा रहा है। SC का कहना है कि उसे इस मुद्दे से कोई सरोकार नहीं है । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह राष्ट्रीय राजधानी है, कल्पना कीजिए कि हम दुनिया को क्या संदेश दे रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए वह इस मामले की सुनवाई करता रहेगा।