किसान आंदोलन: 22 जुलाई से संसद के बाहर बैठेंगे किसान, रोजाना 200 लोग होंगे जमा
नई दिल्ली, जुलाई 13: भीषण गर्मी से लेकर हाड़ कंपाने वाली सर्दी और फिर गर्मी झेल रहे किसानों का आंदोलन 7 महीने से ज्यादा के वक्त से जारी है। दिल्ली के बॉर्डर इलाकों पर किसान नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। उनकी मांग है कि केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए तीनों कृषि कानून रद्द होने चाहिए और एमएसपी पर कानून बनना चाहिए। हालांकि किसानों और सरकार की यह जंग कब खत्म होगी इसका अभी कुछ नहीं पता, लेकिन किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपने अगले कदम के बारे में जानकारी दी है।
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार बातचीत को तैयार नहीं है। इसलिए हम 22 जुलाई को दिल्ली जाएंगे और संसद के बाहर बैठेंगे। हर दिन 200 लोग वहां जमा होंगे।
इसके अलावा किसान नेता राकेश टिकैत ने अपने ट्विटर हैंडल से एक पोस्टर भी जारी किया है, जिसमें सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है कि संसद अगर अहंकारी और अड़ियल हो तो देश में जनक्रांति निश्चित होती है।
राकेश टिकैत मोदी सरकार पर कृषि कानूनों को लेकर लगातार हमला कर रहे है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि अगर सरकार किसी पार्टी की होती तो वो जरूर बात करती, मोदी सरकार को नेता नहीं कंपनी चला रही है। इसलिए कोई चर्चा नहीं हो रही है। वो सिर्फ एक शर्त रख रहे हैं कि वे कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करेंगे, लेकिन चर्चा के लिए तैयार हैं।