निर्भया केस: फांसी से बचने के लिए पवन ने चला नया पैंतरा, अब गवाह की विश्वसनीयता पर उठाए सवाल
दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले में दोषी पवन गुप्ता ने फांसी की सजा से बचने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल, पवन ने अपने वकील के जरिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। पवन ने कहा कि 16 दिसंबर, 2012 को घटना के दौरान मौजूद इकलौते गवाह का बयान विश्वसनीय नहीं है। इसस पहले पवन ने कोर्ट में याचिका दाखिल करके पुलिसर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया था।
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निचली अदालत ने याचिका को किया था खारिज
बता दें कि पवन गुप्ता के पिता ने इसी साल जनवरी में एक याचिका दायर की थी। याचिका पर दिल्ली की निचली अदालत ने सुनवाई से इनकार कर दिया था। दोषी की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि वह एक गवाह है और इस मामले में उसका बयान विश्वसनीय नहीं था। अब निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है।
पवन ने पुलिस पर लगा मारपीट का आरोप
निर्भया केस में दोषी पवन गुप्ता ने मंडोली जेल के दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर रजिस्टर कराने के लिए कोर्ट पहुंचा। दरअसल, पवन गुप्ता के वकील ने कड़कड़डूमा कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कहा कि जब पवन मंडोली जेल में बंद था, उस दौरान दो पुलिसकर्मियों ने उसे जमकर पीटा था। इससे उसके सिर में चोटें आईं। कोर्ट ने पवन की याचिका पर जेल प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
20 मार्च को मुकर्रर हुई है फांसी
बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट चारों दोषियों (पवन कुमार गुप्ता, विनय कुमार शर्मा, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह) को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी कर चुका है। कोर्ट द्वारा जारी चौथे वारंट के मुताबिक, आगामी 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे चारों को एक साथ तिहाड़ जेल संख्या-3 में फांसी दी जाएगी।
तिहाड़ जेल में फांसी की चल रही तैयारी
तिहाड़ जेल प्रशासन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, 20 मार्च को होने वाली फांसी के लिए एक बार फिर से तैयारी की जा रही है। इसके लिए फांसी का अंतिम ट्रायल भी होना है। ऐसे में फांसी से तीन दिन पहले यानी 17 मार्च को मेरठ से जल्लाद पवन को भी बुला लिया जाएगा और फांसी से एक दिन पहले अंतिम ट्रायल होगा।
दोषियों के स्वास्थ्य पर रखी जा रही कड़ी नजर
फांसी से पहले दोषियों के वजन समेत स्वास्थ्य के अन्य पहलुओं पर तिहाड़ जेल प्रशासन कड़ी नजर रख रहा है। खासकर वजन पर, क्योंकि फांसी के दौरान वजन बेहद अहम होता। वजह के हिसाब से फांसी के फंदे का साइज तय होता है। स्वास्थ्य पर बारीक नजर रखने के लिए सीसीटीवी फुटेज रोजान देखे जा रहे हैं।
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