DDCA चुनाव में गड़बड़ी का मामला हाईकोर्ट ले गए कीर्ति आजाद, प्रशासक की नियुक्ति की मांग
नई दिल्ली, 14 जनवरी: पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के चुनाव में गड़बड़ी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिस पर शुक्रवार को हाईकोर्ट ने डीडीसीए को नोटिस जारी किया। इस याचिका में चुनाव के लिए एक प्रशासक नियुक्त करने की मांग की गई है। आजाद के मुताबिक डीडीसीए की मतदाता सूची को एक परिवार एक वोट के आधार पर पुनर्गठित किया जाए। इसके बाद नए सिरे से वहां पर चुनाव हों, जिसकी पूरी निगरानी की जाए।
मामले में जस्टिस रेखा पल्ली की पीठ ने शुक्रवार को डीडीसीए, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) और अन्य से जवाब मांगा। अब 18 अप्रैल को इस मामले पर फिर से सुनवाई होगी। हालांकि केंद्र सरकार के वकील अमित महाजन ने मामले में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को पक्ष बनाने पर आपत्ति जताई, लेकिन उनकी बात को पीठ ने नहीं माना। वहीं डीडीसीए की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी और अधिवक्ता टी सिंहदेव ने भी सुनवाई के दौरान याचिका का विरोध किया।
कीर्ति आजाद ने मांग करते हुए याचिका में कहा कि केवल उन व्यक्तियों को चुनाव में मतदान करने की अनुमति दी जानी चाहिए, जिन्होंने समय पर अपने क्लब सदस्यता शुल्क का भुगतान किया है। इस याचिका को दाखिल करने का मकसद ही निष्पक्ष सदस्यता प्रणाली की विफलता है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में सदस्यता कैसे दी जाती है, इस बारे में कोई दिशानिर्देश/मानदंड नहीं हैं और ना ही सदस्यों के लिए यह जानने के लिए कोई प्रतीक्षा सूची है।
अरुण जेटली के बेटे को मिली बड़ी जिम्मेदारी, निर्विरोध चुने गए DDCA के अध्यक्ष
आजाद ने आरोप लगाया कि सदस्यता प्रक्रिया में काफी गड़बड़ी हो रही है। कुछ चुनिंदा लोगों और उनके परिवारों को रणनीतिक रूप से सदस्यता देकर एक निहित स्वार्थ बनाया जाता है, जिससे परिवार का एकाधिकार बनता है। उन्होंने उन परिवारों का उदाहरण दिया, जिनके एक ही परिवार में 17 से 25 सदस्य हैं। वहीं याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने भी अध्यक्ष पद के लिए डीडीसीए का पिछला चुनाव लड़ा था। उन्होंने कहा कि ये गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि सदस्यता केवल चुनावों को हथियाने के उद्देश्य से दी जाती है।