दिल्ली में लगातार बढ़ रही कोरोना टेस्ट की मांग, प्राइवेट लैब्स ने हाथ किए खड़े
नई दिल्ली, अप्रैल 21: देश में रोजाना अब 3 लाख के करीब मामले सामने आ रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में मरीजों के पॉजिटिव आने से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है, जहां पर अस्पतालों में बेड के साथ ही दवाइयां और ऑक्सीजन कम पड़ रही है। वहीं दूसरी ओर RT-PCR और एंटीजन टेस्ट की भी मांग तेजी से बढ़ रही है। हालात ऐसे हैं कि दिल्ली में निजी लैब्स ने दो दिन के लिए सैंपल इकट्ठा करना बंद कर दिया है। ऐसे में मरीजों की संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है।
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दिल्ली में मंगलवार शाम जारी हुए हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक पिछले 24 घंटे में वहां पर 86526 सैंपल की टेस्टिंग हुई। कर्मचारियों और बुनियादी ढांचे में कमी की वजह से अब कई लैब्स सैंपल नहीं इकट्ठा कर रही हैं। ICMR दिशानिर्देशों के अनुसार सैंपल लेने के 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट को अपलोड करना जरूरी है। हालांकि भीड़ ज्यादा होने पर ये वक्त 48 घंटे का हो जाता है। वहीं दूसरी ओर मामले की गंभीरता को देखते हुए 16 अप्रैल को दिल्ली सरकार ने नए निर्देश जारी किए थे, जिसमें 24 से 48 घंटे में रिपोर्ट देने की बात कही गई थी। साथ ही सभी जिलाधिकारियों को इस पर निगरानी करने को कहा गया था।
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वहीं दूसरी ओर सोमवार को ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद से जाते समय दो ऑक्सीजन कंटेनर ट्रैफिक जाम में फंस गए थे। इसमें करीब 19500 लीटर ऑक्सीजन थी। अगर ये कटेंनर अस्पताल ना पहुंचते तो कम से कम 235 मरीजों को दिक्कत हो जाती। मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने दो एस्कॉर्ट टीमों का गठन किया। साथ ही उन्हें अलग-अलग आपातकालीन प्रतिक्रिया वाहनों में ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद की ओर रवाना किया। टीम ने तुरंत ड्राइवरों से संपर्क कर उनके सटीक स्थान का पता लगाया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ड्राइवरों से लाइट और सायरन ऑन करने के लिए कहा गया था, ताकी टीम उन्हें देखते हुए रास्ता दिखा सकें। बाद में उनकी कोशिशें कामयाब हुईं, जहां दोनों टैंकर हॉस्पिटल पहुंच गए।