दिल्ली पुलिस ने 500 करोड़ की जबरन वसूली घोटाले का किया भंडाफोड़, चीनी नागरिक शामिल
नई दिल्ली, 21 अगस्त। दिल्ली पुलिस ने 500 करोड़ रुपए के फिरौती घोटाले का भंडाफोड़ किया है। पिछले दो महीनों से दिल्ली पुलिस की टीम यह ऑपरेशन चला रही थी, जिसके बाद इंस्टैंट लोन देने के बाद पैसे वसूलने के लिए धमकी देने वाले रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इस मामले में पुलिस ने 2 लोगों को देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया है। अधिकारी ने बताया कि यह गैंग चीनी नागरिक के इशारे पर चल ररहा था, जबरन वसूली का पैसा चीनी नागरिक को हवाला या फिर क्रिप्टोरकरेंसी के जरिए भेजा जा रहा था।
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आपत्तिजनक तस्वीरें दिखाकर वसूलते थे पैसे
पुलिस के अनुसार इस तरह की सैकड़ों शिकायत आई थी, जिसमे आरोप लगाया गया कि उन्हें उच्च ब्याज दरों पर लोन दिया गया और ब्याज समेत पैसा लौटाने के बाद, गैंग उनसे और पैसे की फिरौती मांगते थे, ये लोग उनकी नग्न और गलत तस्वीरे दिखाकर जबरन पैसे की वसूली करते थे। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन ने इन शिकायतों का संज्ञान लिया और पाया गया कि इस तरह के 100 मामले हैं, जिसमे जबरन वसूली की गई। ये ऐप यूजर्स से गलत परमिशन मांगते थे। जब यूजर ये इजाजत दे देते थे तो ऐप उनके कॉन्टैक्ट, चैट, मैसेज, फोटो को देखते थे और संवेदनशील जानकारी को चीन, हॉन्गकॉन्ग स्थित सर्वर से शेयर किया जाता था।
कई लोगों ने की आत्महत्या
आईएफएसओ के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि जब यूजर इन ऐप को डाउनलोड करके पैसा ले लेते थे और लोन चुका भी देते थे तो इनके पास फोन आने शुरू हो जाते थे। ये फोन अलग-अलग नंबर से आते थे। ये नंबर फर्जी आईडी पर लिए गए होते थे। ये लोग फोन करके फर्जी तस्वीरें शेयर करके जबरन वसूली करते थे। ये लोग धमकी देते थे कि अगर पैसा नहीं दिया तो वह तस्वीरों को इंटरनेट पर अपलोड कर देंगे। एक व्यक्ति जिसे 5000 रुपए की सख्त जरूरत थी उससे जबरन लाखों रुपए लिए गए। इसके चलते कई लोगों ने आत्महत्या भी की है। यह गैंग अलग-अलग अकाउंट के जरिए काम करता था और हर गैंग रोजाना तकरीबन एक करोड़ रुपए की वसूली करता था।
22 लोग गिरफ्तार
पुलिस को इस बात की भी जानकारी मिली है कि यह फर्जी नेटवर्क दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी सक्रिय था। 22 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमे 2 महिलाएं भी शामिल हैं। पूछताछ के दौरान इन लोगों ने बताया कि ये लोग चीनी नागरिक के इशारों पर यह काम कर रहे थे। सभी डेटा उन्हें चीन के सर्वर से ही मिलते थे। कुछ चीनी नागरिकों की भी पहचान हुई है, उन्हे भी गिरफ्तार किए जाने की कोशिश हो रही है। इस पूरे भंडाफोड़ के बाद गैंग के ऑपरेटिव अपने कॉल सेंटर को पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश शिफ्ट कर रहे हैं। अभी तक चीनी नागरिक के इशारे पर 500 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं।